सहजन यानी सेंजना मोरिगेसी कुल का पौष्टिकता से भरपूर बहुद्देशीय पेड़ है, जिस को 'ड्रमस्टिक ट्री', 'हौर्स रेडिस ट्री' और 'इंडियन हॉर्स रेडिस ट्री' के नाम से भी जाना जाता है. इस का वानस्पतिक नाम 'मोरिंगा ओलिफेरा' है. यह उत्तरी भारत और हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों में प्रचुरता से पाया जाता है.
व्यावसायिक खेती के अलावा घर पर भी इस का पौधा लगाया जा सकता है, जिस से इस की पत्तियां, फूल, फलियां, जलाऊ लकड़ी, गोंद, बीज, तेल, जड़ इत्यादि परिवार की जरूरतों को पूरी करने के लिए मिलते रहें. साथ ही, यह पोषण संबंधी परेशानियों से नजात दिलाने का बहुत ही अच्छा विकल्प है.
यह सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है, परंतु कछारी बालू एवं बलुई दोमट मिट्टी, जिस का पीएच मान 9 से कम हो, इस की खेती के लिए सर्वोत्तम है.
यह पौधा जल भराव व पीला पड़ने वाले क्षेत्रों में नहीं लगाया जा सकता है. इस की व्यावसायिक खेती के लिए ब्लौक प्लांटिंग में पौधे से पौधे एवं पंक्ति से पंक्ति की दूरी 3x3 मीटर होनी चाहिए और लाइन प्लांटिंग में 5x5 मीटर होनी चाहिए.
सहजन के पौधे की बोआई जुलाई माह में करें. खाद व पानी का प्रयोग समयसमय पर जरूरत के मुताबिक करने से इस की बढ़वार बहुत अच्छी होती है.
वृक्षारोपण के पहले 3 साल तक इस की खास देखभाल की जरूरत पड़ती है. उस के बाद यह अपनेआप बढ़ता रहता है. नई पत्तियां आने के साथ ही इस की टहनियों पर गोंद आने लगता है.
उपयोगिता सहजन की पत्तियां
Bu hikaye Farm and Food dergisinin May Second 2024 sayısından alınmıştır.
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बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
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