
मध्य प्रदेश के सतना जिले से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर उत्तरपूर्व में बसे खुटहा गांव के किसान कृष्ण किशोर त्रिपाठी ने अपनी दूरदृष्टि, मेहनत और मजबूत इरादे से आज वह कर दिखाया है, जो कई किसानों के लिए प्रेरणा बन गया है. पथरीली जमीन पर खेती करना हमेशा से चुनौती भरा होता है, लेकिन आज कृष्ण किशोर ने इस जमीन को उपजाऊ बना दिया है. उन्होंने 30 साल से बंजर पड़ी इस जमीन पर अमरूद का बगीचा लगाया है और अब वे हर साल लाखों रुपए की आमदनी कर रहे हैं.
पहली बार लगाए 75,000
कृष्ण किशोर त्रिपाठी ने साल 2022 में अपने एक एकड़ खेत में अमरूद के 400 पौधे लगाए थे. इस के लिए उन्होंने रतलाम से सुनहरा (गोल्डन) अमरूद की किस्म के पौधे 85 रुपए प्रति पौध की दर से खरीदे थे. पौधों को लगाने के लिए गड्ढे खोदने, खाद डालने और मजदूरी का खर्च मिला कर प्रति पौधा 150 रुपए का खर्च आया था. इस के अलावा ड्रिप इरिगेशन (टपक सिंचाई) प्रणाली लगाने पर तकरीबन 12,000 रुपए का खर्च आया. इस प्रकार पहले साल उन्हें कुल 75,000 रुपए खर्च करने पड़े थे. उन के बगीचे में अब 3 फुट ऊंचे पेड़ों पर 12 किलोग्राम तक के फल लग चुके हैं.
Bu hikaye Farm and Food dergisinin February 2025 sayısından alınmıştır.
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