हम आपको नीचे अगस्त माह में पड़ने वाले कुछ प्रमुख तीज-त्यौहारों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भारतीय पंचांग के अनुसार अगस्त 2023 में आने वाले हैं।
पूर्णिमा व्रत - 1 अगस्त 2023
पूर्णमासी का व्रत महीने में एक बार पड़ता है। इस दिन पूरा चांद निकलता है। पूरे साल में 12 महीने होते हैं यानी कि कुल मिलाकर 12 पूर्णिमा पड़ती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत रखा जाता है। इस साल यह त्यौहार अगस्त 2023 की 1 तारीख को पड़ रहा है।
संकष्टी चतुर्थी - 4 अगस्त 2023
हर महीने में पूर्णमासी के चौथे दिन पर संकष्टी चतुर्थी पड़ती है। इसे हम सकट चौथ के नाम से भी जानते हैं। इस व्रत को मां अपने बेटों की लम्बी आयु के लिए रखती हैं। आपको बता दें कि जब पूर्णिमा का चांद घटने लगता है तब पूर्णिमा के चौथे दिन संकष्टी पड़ती है। इसमें भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उनका व्रत रखा जाता है और रात में चांद को देखकर ही पूजा संपन्न की जाती है।
परम एकादशी - 12 अगस्त 2023
अधिकमास के कृष्ण पक्ष में जो एकादशी आती है वह परमा एकादशी कहलाती है। वैसे तो प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियां होती हैं। इस अगस्त के महीने में यह पर्व 12 अगस्त को पड़ रहा है।
प्रदोष व्रत (कृष्ण) - 13 अगस्त 2023
प्रदोष व्रत महीने में दो बार पड़ते हैं एक बार कृष्ण पक्ष में और दूसरी बार शुक्ल पक्ष में । इस बार की अगस्त में कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 13 अगस्त को पड़ रहा है। इस पक्ष को अंधेरा पक्ष भी बोलते हैं जिसमें चांद घट रहा होता है। इसमें भगवान शिव की पूजा की जाती है।
Bu hikaye Sadhana Path dergisinin August 2023 sayısından alınmıştır.
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तुलसी से दूर करें वास्तुदोष
हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा हर घर-आंगन की शोभा है। तुलसी सिर्फ हमारे घर की शोभा ही नहीं बल्कि शुभ फलदायी भी है। कैसे, जानें इस लेख से।
क्यों हुआ तुलसी का विवाह?
कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी पूजन का उत्सव वैसे तो पूरे भारत में मनाया जाता है, किंतु उत्तर भारत में इसका कुछ ज्यादा ही महत्त्व है। नवमी, दशमी व एकादशी को व्रत एवं पूजन कर अगले दिन तुलसी का पौधा किसी ब्राह्मण को देना बड़ा ही शुभ माना जाता है।
बड़ी अनोखी है कार्तिक स्नान की महिमा
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का महत्त्वपूर्ण स्थान है। बारह पूर्णिमाओं में कार्तिक पूर्णिमा का महत्त्व सर्वाधिक है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सिर्फ एक ही ईश्वर है और उसका नाम हैं सत्यः नानक
सिरवों के प्रथम गुरु थे नानक | अंधविश्वास एवं आडंबरों के विरोधी गुरुनानक का प्रकाश उत्सव अर्थात् उनका जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा को मनाया जाता है। गुरु नानक का मानना था कि ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। संपूर्ण विश्व उन्हें सांप्रदायिक एकता, शांति एवं सद्भाव के लिए स्मरण करता है।
सूर्योपासना एवं श्रद्धा के चार दिन
भगवान सूर्य को समर्पित है आस्था का महापर्व छठ । ऐसी मान्यता है कि इस पर्व को करने से सूर्य देवता मनोकामना पूर्ण करते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, जिस कारण इस पर्व का नाम छठ पड़ा। जानें इस लेख से छठ पर्व की महत्ता।
एक समाज, एक निष्ठा एवं श्रद्धा की छटा का पर्व 'छठ'
छठ की दिनोंदिन बढ़ती आस्था और लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि कुछ तो विशेष है इस पर्व में जो सबको अपनी ओर खींच लेता है। पूजा के दौरान अपने लोकगीतों को गाते हुए, जमीन से जुड़ी परम्पराओं को निभाते हुए हर वर्ग भेद मिट जाता है। सबका एक साथ आकर बिना किसी भेदभाव के ईश्वर का ध्यान करना... यही तो भारतीय संस्कृति है, और इसीलिए छठ है भारतीय संस्कृति का प्रतीक।
जानें किड्स की वर्चुअल दुनिया
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जाल में सिर्फ बड़े ही नहीं बच्चे भी फंसते जा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे धीरे-धीरे वर्चुअल दुनिया में ज़्यादा व्यस्त रहने की वजह से वास्तविक दुनिया से दूर होते जा रहे हैं।
सेहत के साथ लें स्वाद का लुत्फ
अच्छे खाने का शौकीन भला कौन नहीं होता है। खाना अगर स्वाद के साथ सेहतमंद भी हो तो बात ही क्या है। सवाल ये उठता है कि अपनी पसंदीदा खाद्य सामग्रियों का सेवन करके फिट कैसे रहा जाए?
लंबी सीटिंग से सेहत को खतरा
लगातार बैठना आज वजह बन रहा कई स्वास्थ्य समस्याओं की। इन्हें नज़र अंदाज करना खतरनाक हो सकता है। जानिए कुछ ऐसे ही परिणामों के बारे में-
योगा सीखो सिखाओ और बन जाओ लखपति
हमारे पास पैसे नहीं और ललक है लखपति बनने की, ऐसी चाह वाले व्यक्ति को हरदम लगेगा कि कैसे हम बनेंगे पैसे वाले। किंतु यकीन मानिए कि आप निश्चित रूप से लखपति बन सकते हैं केवल योगा का प्रशिक्षण लेकर और योगा सिखाने से ही।