![जिएं जिंदगी 60 के बाद भी जिएं जिंदगी 60 के बाद भी](https://cdn.magzter.com/Sadhana Path/1715165828/articles/9QKkTolRd1715772579854/1715772774572.jpg)
अभी गर्मी की छुट्टियों में मायके गई तो मन किया रमा आंटी से मिलकर आऊं, काफी दिन से नहीं मिली थी। आंटी से जान-पहचान बहुत समय से है, असल में पापा व अंकल एक ही विभाग में इंजीनियर थे, इसलिए 2-3 बार पोस्टिंग एक ही जगह होने से साथ-साथ रहना हुआ। आंटी का व्यक्तित्व मुझे शुरू से ही अच्छा लगता था। बाहरी दिखावे से दूर अपने सीमित साधनों में ही खुश रहती थीं, उनकी बातें, उनके कर्म स्पष्ट व आशावादी हुआ करते थे, जिससे सबके बीच अलग ही पहचान बनी हुई थी। खैर!
आंटी के घर जाकर उनसे मिल बड़ा ही अच्छा लगा, उनकी बेटी की तो शादी हो गई। थी पर बेटा-बहू सब साथ में ही थे। बातोंबातों में मुझे महसूस हुआ आंटी अपनी बहू की कुछ ज्यादा ही तारीफ कर रही हैं और जो बाहरी-घरेलू कार्य शायद आंटी करती होंगी, उनके भी करने का श्रेय बहू को दे रही थीं। मुझसे भी बोलीं, 'अब घर-बाहर का कुछ अता-पता नहीं रहता श्वेता ही संभालती है। मैं ही इससे पूछ-पूछकर सब काम करती रहती हूं। कहीं आना-जाना हो, लेना-देना हो, वह इसी की जिम्मेदारी है, रिश्ते-नाते सब यही निभा रही है। हां, अगर कहीं जरूरी जाना होता है, तभी जाती हूं, वरना श्वेता ही इधर-उधर का काम निपटा लेती है। भई, अब हमने तो सोच-समझ लिया बेटा-बहू को ही जब सारा कामकाज देखना है, यही घर के मालिक कर्ता-धर्ता हैं तो क्यों हम बीच में अपना वर्चस्व रखें। जैसा भी ये कर रहे हैं, निभा रहे हैं, सब सही है। मैं और तुम्हारे अंकल तो बस। इनकी राय से सहमत हुए रहते हैं। इसी से घर में सुख-शान्ति बनी रहती है। वैसे भी हम अब बुढ़ापे की ओर हैं। कब हाथ-पैर चलने बंद हो जाए पता नहीं, इसलिए पहले से ही हर बात में हस्तक्षेप किए बिना अपनी सलाह-मशविरा दिए बिना चुपचाप सब देखते-भालते रहो, वही अच्छा है। बेटा-बहू जरूरत मुताबिक खैर खबर लेते रहें, हमारी पूछताछ करते रहे, बुढ़ापे के दिन भलीभांति कट जाए इतना ही हमारे लिए बहुत है।
Bu hikaye Sadhana Path dergisinin May 2024 sayısından alınmıştır.
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![देश-विदेश में बसंत पंचमी के विभिन्न रंग देश-विदेश में बसंत पंचमी के विभिन्न रंग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1987985/gV-FyTk9x1739190779440/1739190952868.jpg)
देश-विदेश में बसंत पंचमी के विभिन्न रंग
विविधता में एकता वाले हमारे इस देश में कई पर्व-त्योहार मनाए जाते हैं। हालांकि यहां विभिन्न क्षेत्रों में त्योहार मनाने के ढंग अलग होते हैं, पर सभी त्योहारों के पीछे उद्देश्य एक ही होता है अपने आराध्य देवी-देवता की पूजा-आराधना कर उन्हें प्रसन्न करना तथा हर्षोल्लास से एक साथ मिलकर अपनी खुशियों को बढ़ाना।
![बसंतोत्सव का महत्त्व बसंतोत्सव का महत्त्व](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1987985/7pBn6ogGq1739190352290/1739190631507.jpg)
बसंतोत्सव का महत्त्व
बसंत ऋतु एक ऐसी ऋतु है जो अपने साथ प्राकृतिक सौंदर्य हीं नहीं लाती बल्कि मनुष्य के मन में उमंग और हर्षोल्लास भी लाती है। ऋतुओं के राजा बसंत के साथ और क्या-क्या जुड़ा है ? जानिए इस लेख से।
![आदर्श प्रेम के प्रतीक देवी-देवता आदर्श प्रेम के प्रतीक देवी-देवता](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1987985/a7fg6DpO91739190966096/1739191179742.jpg)
आदर्श प्रेम के प्रतीक देवी-देवता
यूं तो हर इंसान का प्रेम अपने आप में सम्पूर्ण व अनुकरणीय होता है परन्तु कुछ लोगों का प्रेम इतिहास के पन्नों पर सदा के लिए स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो जाता है। आइये नमन करें कुछ ऐसे ही प्रेम के प्रतीकों को।
![आपकी गृहस्थी में सेंध लगा सकती है ऐसी अपेक्षायें? आपकी गृहस्थी में सेंध लगा सकती है ऐसी अपेक्षायें?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1987985/P3QI5qf8y1739189637697/1739189819833.jpg)
आपकी गृहस्थी में सेंध लगा सकती है ऐसी अपेक्षायें?
अपने पारिवारिक जीवन की चर्चा या कोई उलझन कभी किसी पुरुष सहयोगी के सामने बयां न करें अन्यथा वह सहानुभूति दर्शाकर सहयोग देने की पेशकश करेगा और अंततः आपके दुख, जो दुख न होकर सिर्फ क्षणिक क्रोध था, को हवा देगा।
![इन 5 घरेलू चीज़ों से सफर में होगा सेहत का साथ इन 5 घरेलू चीज़ों से सफर में होगा सेहत का साथ](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1987985/Q-y88iwqE1739187878474/1739187993996.jpg)
इन 5 घरेलू चीज़ों से सफर में होगा सेहत का साथ
कई लोगों को घूमने का शौक तो होता है, पर वह सफर में होने वाली मोशन, सिकनेस के डर से कहीं बाहर नहीं निकल पाते। ऐसे में परेशान होने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि आपके किचन में ही इनके समाधान मौजूद है।
![बसंत पंचमी से जुड़ी कथाएं और घटनाएं बसंत पंचमी से जुड़ी कथाएं और घटनाएं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1987985/x4P5clb0t1739189900000/1739190116329.jpg)
बसंत पंचमी से जुड़ी कथाएं और घटनाएं
विद्या की देवी सरस्वती की पूजा का पर्व बसंत पंचमी पवित्र हिन्दू त्योहार है। एक इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।
![महिलाओं में कैंसर के सामान्य प्रकार महिलाओं में कैंसर के सामान्य प्रकार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1987985/2n2giPHWM1739189432533/1739189598497.jpg)
महिलाओं में कैंसर के सामान्य प्रकार
अभी तक ज्यादातर मामलों में कैंसर को आनुवंशिक माना गया था | नए अनुसंधानों में पता चला है कि कैंसर के कारण काफी हद तक अस्वस्थ जीवनशैली और असंतुलित आहार में होते हैं।
![सेहत के लिए फायदेमंद है अखरोट सेहत के लिए फायदेमंद है अखरोट](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1987985/47N-3kTtx1739187481403/1739187663561.jpg)
सेहत के लिए फायदेमंद है अखरोट
अखरोट खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद भी होता है। आखिर अखरोट खाने के क्या हैं फ़ायदे, यह किस तरह से और किस समय खाना चाहिए, आइए जानें-
![इन स्वास्थ्यवर्धक टिप्स से बनाएं सफर सुहाना इन स्वास्थ्यवर्धक टिप्स से बनाएं सफर सुहाना](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1987985/GwxJw7Orj1739188257129/1739188495770.jpg)
इन स्वास्थ्यवर्धक टिप्स से बनाएं सफर सुहाना
सफर के दौरान खानपान का ध्यान रखना बेहद जरूरी है क्योंकि सफर का लुत्फ तभी लिया जा सकता है जब आपका स्वास्थ्य अच्छा हो।
![नूतन उत्साह का प्रतीक बसंत पंचमी नूतन उत्साह का प्रतीक बसंत पंचमी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/176/1987985/-0nOoUj1E1739190651994/1739190760632.jpg)
नूतन उत्साह का प्रतीक बसंत पंचमी
प्रकृति में बसंत के आगमन की टोह मन में एक नए उल्लास, आशा एवं अचानक ही लगता है कि मन प्रसन्न एवं प्रफुल्लित हो उठा है। परिवर्तन में भावों की पावन धाराएं बहने लगी हैं और हमारे तन, मन और व्यवहार में सुंदर एवं सुमधुर अभिव्यक्तियां झलकने लगती हैं। कहते हैं, प्रकृति जब मुस्कुराने लगती है, तब उसके अंतर्गत आने वाले सभी जड़-जीव एवं मनुष्यों में मुस्कुराहट फैल जाती है।