तटस्थता (detachment) से स्पष्टता बढ़ती है।
Yoga and Total Health|February 2024
कभी-कभी जिन चीज़ों से व्यक्ति को लगाव हो जाता है वह उन्हें चाहकर भी नहीं छोड़ पाता बल्कि जितना संभव हो सके उसके करीब रहने की कोशिश करता है। वास्तव में इस स्थिति में वस्तु को अच्छे से देख नहीं पाते हालांकि हम उसके बहुत पास होते हैं।
डॉ. जयदेव
तटस्थता (detachment) से स्पष्टता बढ़ती है।

दूसरा तरीका है अपने और वस्तु के बीच में थोड़ी दूरी बनाकर देखना, जिससे हम वस्तु को बेहतर तरीके से देख और समझ सकते हैं। तब हम वस्तु के पीछे की पृष्ठभूमि को देखते हैं जो वस्तु के वास्तविक स्वरूप को दर्शाती है। व्यक्ति इस तरह वस्तुओं का सही आँकलन (judge) करके हर कार्य में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे पाता है। आमतौर पर हम अपने जीवन में सभी वस्तुओं के साथ व्यक्तिगत और भावनात्मक रूप से इतना अधिक जुड़ जाते हैं कि पूरी तरह से उनके वश में हो जाते हैं। जैसे कि एक भय की भावना को ही देखें, जो हमें इसी तरह जकड़ सकती है। उदाहरण के तौर पर एक दुःस्वप्न के दौरान, हम अपनी आँखे खोलना या अंगों को हिलाना भूल जाते हैं। जब हमारी कल्पना में हमारे भय का स्त्रोत हम पर हावी हो जाता है तो हम स्वयं को भय की भावना से अलग कर पाने में नाकाम हो जाते हैं।

Bu hikaye Yoga and Total Health dergisinin February 2024 sayısından alınmıştır.

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