कर्तव्य की भावना से कार्य में उत्कृष्ठता (excellence)
Yoga and Total Health|April 2024
क ई तरह की व्यवस्थाएँ हैं, जो हमें सचेत करती हैं कि हमें क्या करना है। माता-पिता, समाज, कानून आदि के प्रति हमारे कुछ उत्तरदायित्व होते हैं, कर्तव्य व व्यवहार के कुछ नियम होते हैं जिनका हमें पूर्ण रूप से पालन करना होता है, परन्तु बहुत से लोग अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह होते हैं, उन्हें अपने कर्तव्य पालन करना पसंद नहीं है ।
कर्तव्य की भावना से कार्य में उत्कृष्ठता (excellence)

इसी के चलते आजकल कई लोगों के लिए तो कर्तव्य की अवधारणा (concept) असहनीय हो रही है । व्यक्ति को जो करना पसंद है वही करता है, उसे अपने मन माफिक करने की आजादी चाहिये ।

Bu hikaye Yoga and Total Health dergisinin April 2024 sayısından alınmıştır.

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