कैमरे की ऊंची उड़ान
Aha Zindagi|August 2024
कैमरा दुनिया को उस नज़रिये से दिखा सकता है जो इंसानी आंखों के बस की बात नहीं। ड्रोन फोटोग्राफी इसका जीवंत उदाहरण है।
आकाश कुलश्रेष्ठ
कैमरे की ऊंची उड़ान

एक बैलूनिस्ट और फोटोग्राफर की हवा में तस्वीरें लेने की चाह से जन्मी थी एरियल फोटोग्राफी की तकनीक। यह पहलेपहल सैन्य सेवा की दृष्टि से विकसित हुई, फिर विजुअल डेटा संजोने, सर्च और रेस्क्यू, खेती, रियल एस्टेट जैसे कई क्षेत्रों में सफल होने के बाद मनोरंजन के क्षेत्र में काफ़ी चर्चा का विषय बनी हुई है।

गुब्बारे से शुरू हुआ सफ़र

ड्रोन तकनीक के भीतर आता है एक छोटा-सा उड़नखटोला जो इंसानी रिमोट के इशारों पर आसमान की ऊंचाई में रहकर फोटो और वीडियो ले सकता है। इसलिए इसे 'अनमेन्ड एरियल व्हीकल' भी कहा जाता है। एक साधारण ज़मीनी स्तर पर क़ैद की गई तस्वीर से बिलकुल नया दृष्टिकोण सामने रखती है ड्रोन फोटोग्राफी। इस तकनीक ने एक लंबा सफ़र तय किया है। गैसपार्ड-फेलिक्स टूरनाचोन, जिन्हें नादर के नाम से जाना जाता है, 19वीं सदी के एक फ्रांसीसी फोटोग्राफर हुए। वे कैरिकेचरिस्ट और बैलूनिस्ट भी थे। अपने अलग-थलग शौक़ों को एक धागे में पिरोने की नज़र से उन्हें हवा में फोटोग्राफी का विचार आया। 1858 में उन्होंने गुब्बारे की मदद से इसकी एक सफल कोशिश भी की। हालांकि, आज ये तस्वीरें हमारे सामने नहीं हैं, लेकिन हवाई फोटोग्राफी जैसे नए आयाम को उड़ान इसी मोड़ से मिली थी। 20वीं सदी में 'न्यू विज़न' आंदोलन के साथ इस विचार को और हवा मिली और हवाई फोटोग्राफी का विषय निकलकर सामने आया।

परंपरा से हटकर है विधा

Bu hikaye Aha Zindagi dergisinin August 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Aha Zindagi dergisinin August 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

AHA ZINDAGI DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
आलस्य आभूषण है
Aha Zindagi

आलस्य आभूषण है

जैसे फोन की सेटिंग में एनर्जी सेविंग मोड होता है, ऐसे ही आस-पास कुछ लोग भी अपनी ऊर्जा बचाकर रखते हैं। ऐसे लोगों को अमूमन आलसी क़रार कर दिया जाता है, मगर सच तो ये है कि समाज में ऐसे लोग ही सुविधाओं का आविष्कार करते हैं। आलस्य बुद्धिमानों का आभूषण है।

time-read
6 dak  |
February 2025
अबूझ गह्वर जैसा कृष्ण विवर
Aha Zindagi

अबूझ गह्वर जैसा कृष्ण विवर

चांदनी रात में तारों को देखना कितना अलौकिक प्रतीत होता है ना, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये तारे, ये आकाशगंगाएं और यह विशाल ब्रह्मांड किस गहरे रहस्य से बंधे हुए हैं? एक ऐसा रहस्य, जिसे हम देख नहीं सकते, लेकिन जो अपनी अदृश्य शक्ति से ब्रह्मांड की धड़कन को नियंत्रित करता है। यह रहस्य है- ब्लैक होल यानी कृष्ण विवर।

time-read
5 dak  |
February 2025
खरे सोने-सा निवेश
Aha Zindagi

खरे सोने-सा निवेश

क्या आपने कभी सोचा है कि क्‍यों सोना सदियों से एक विश्वसनीय निवेश विकल्प बना हुआ है?

time-read
7 dak  |
February 2025
छत्रपति की कूटनीति
Aha Zindagi

छत्रपति की कूटनीति

पन्हालगढ़ के क़िले में आषाढ़ का महीना आधा बीत चुका था। सिद्दी जौहर और मराठा सैनिकों के बीच घमासान युद्ध छिड़ा हुआ था। ऐसे में साम-दाम-दंड-भेद का प्रयोग करके भी बाहर निकलने का मार्ग नहीं सूझ रहा था। शिवाजी ने अपने सभी सलाहकारों को बुलाया और एक रणनीति रची, दुश्मनों को भेदकर निकल जाने की रणनीति ।

time-read
9 dak  |
February 2025
एक अवसर है दुःख
Aha Zindagi

एक अवसर है दुःख

प्रकृति में कुछ भी अनुपयोगी नहीं है, फिर दु:ख कैसे हो सकता है जिसे महसूस करने के लिए शरीर में एक सुघड़ तंत्र है! अत: दु:ख से भागने के बजाय अगर इसके प्रति जागरूक रहा जाए तो भीतर कुछ अद्भुत भी घट सकता है!

time-read
3 dak  |
February 2025
जोड़ता है जो जल
Aha Zindagi

जोड़ता है जो जल

सारे संसार के सनातनी कुंभ में एकत्रित होते हैं। जो जन्मना है वह भी, जो सनातन के सूत्रों में आस्था रखता है वह भी। दुनियादारी के जंजाल में फंसा गृहस्थ भी और कंदरा में रहने वाला संन्यासी भी।

time-read
6 dak  |
February 2025
अदाकार की खाल पर खर्च नहीं
Aha Zindagi

अदाकार की खाल पर खर्च नहीं

डॉली को शिकायत है कि जो पोशाक अदाकार की खाल जैसी होती है, उसके किरदार को बिना एक शब्द कहे व्यक्त कर देती है, उसे समुचित महत्व नहीं दिया जाता।

time-read
5 dak  |
February 2025
जब बीमारी पहेली बन जाए...
Aha Zindagi

जब बीमारी पहेली बन जाए...

कई बार सुनने में आता है कि फलां को ऐसा रोग हो गया जिसका इलाज ढूंढे नहीं मिल रहा। जाने कैसी बीमारी है, कई क्लीनिक के चक्कर लगा लिए मगर रोग पकड़ में ही नहीं आया।' ऐसे में संभव है कि ये रोग दुर्लभ रोग' की श्रेणी में आता हो। इस दुर्लभ रोग दिवस 28 फरवरी) पर एक दृष्टि डालते हैं इन रोगों से जुड़े संघर्षों पर।

time-read
4 dak  |
February 2025
AMBITION ET संकल्प के बाद
Aha Zindagi

AMBITION ET संकल्प के बाद

नववर्ष पर छोटे-बड़े संकल्प लगभग सभी ने लिए होंगे।

time-read
7 dak  |
February 2025
श्वास में शांति का वास
Aha Zindagi

श्वास में शांति का वास

आज जिससे भी पूछो वो कहेगा मुझे काम का, पढ़ाई का या पैसों का बहुत तनाव है। सही मायने में पूरी दुनिया ही तनाव से परेशान है। इस तनाव को रोका तो नहीं जा सकता मगर एक सहज उपाय है जिससे इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। -

time-read
3 dak  |
February 2025