क़र्ज़ दो और घी पियो
Aha Zindagi|August 2024
डेट फंड में निवेश किया गया आपका धन सरकार या कंपनियों को ऋण के रूप में दिया जाता है। यह क़र्ज़ किसे दिया जाता है, उससे तय होता है कि आपको अपने निवेश पर कितना रिटर्न मिलेगा और आपका पैसा कितना सुरक्षित रहेगा। इनमें समझदारी से लगाया गया पैसा अन्य सुनिश्चित लाभ योजनाओं के मुक़ाबले अधिक कमाऊ हो सकता है।
अभिषेक शुक्ला
क़र्ज़ दो और घी पियो

सुनिश्चित आय वाले निवेश विकल्पों की जब बात होती है तो सबसे पहले निवेशकों के मन में बैंक फिक्स डिपॉज़िट या फिर पोस्ट ऑफिस डिपॉज़िट ही आता है। लेकिन, कंपनियों की एफडी, कमर्शियल पेपर, कंपनियों के बॉन्ड केंद्र और राज्य सरकारों के बॉन्ड जैसे कई अन्य निवेश विकल्प भी उपलब्ध हैं जिनसे बैंक या पोस्ट ऑफिस डिपॉज़िट के समान ब्याज के रूप में आय ली जा सकती है, और कुछ विकल्पों में बैंक एफडी से अधिक रिटर्न के साथ भी, मसलन, डेट फंड। डेट फंड एक तरह के म्यूचुअल फंड ही हैं जो सरकार और कंपनियों को आपका पैसा उधार देकर आपको रिटर्न देते हैं। इनकी एक निश्चित ब्याज आय होती है। इन विकल्पों में इच्छुक निवेशक सीधे खुद निवेश कर सकते हैं या म्यूचुअल फंड के माध्यम से भी हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि सीधे स्वयं निवेश करने की अपेक्षा म्यूचुअल फंड के माध्यम से डेट में निवेश करना अधिक लाभदायक है।

डेट फंड के विशेष लाभ

विशेषज्ञों द्वारा निवेश : म्यूचुअल फंड की देखरेख पेशेवर फंड मैनेजर करते हैं जिनके पास अनुभव और विशेषज्ञता दोनों होती है। स्वयं सही बॉन्ड का चयन करना किसी सामान्य व्यक्ति के लिए मुश्किल हो सकता है, वहीं फंड मैनेजर बाज़ार का अध्ययन करके आपके लिए उपयुक्त बॉन्ड का चयन करते हैं, जिससे कम जोखिम में अच्छा रिटर्न पाया जा सकता है।

विविधीकरण : म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि यह विविधता प्रदान करता है। आप एक ही फंड में निवेश करके कई कंपनियों के शेयर्स या बॉन्ड के मालिक बन सकते हैं। इससे जोखिम कम हो जाता है क्योंकि किसी एक कंपनी के ख़राब प्रदर्शन का आपके पूरे निवेश पर उतना असर नहीं पड़ता। यह लाभ के विषय में भी समान रूप से लागू होता है।

कम राशि में भी निवेश : कई कंपनियों के बॉन्ड में आपको कम से कम 10 हज़ार रुपये निवेश करने होते हैं, लेकिन डेट म्यूचुअल फंड के माध्यम से आप मात्र 500 रुपये जैसी छोटी राशि के साथ भी निवेश कर सकते हैं।

Bu hikaye Aha Zindagi dergisinin August 2024 sayısından alınmıştır.

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अन्न उपजाए अंग भी उगाए
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...और जीवन में ग़लत निर्णयों से बचने की प्रक्रिया सीखें। यह आपके हित में एक अच्छा निर्णय होगा, क्योंकि अच्छे फ़ैसले लेने की क्षमता ही सुखी, सफल और तनावरहित जीवन का आधार बनती है। इसके लिए जानिए कि दुविधा, अनिर्णय और ख़राब फ़ैसलों से कैसे बचा जाए...

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लाव-लश्कर के साथ शहंशाह अकबर ने जिस जगह कुछ दिन विश्राम किया, वहां बसी बस्ती कहलाई अकबरपुर। परंतु इस जगह का इतिहास कहीं पुराना है। महाभारत कालीन राजा मोरध्वज की धरती है यह और राममंदिर के लिए पीढ़ियों तक प्राण देने वाले राजा रणविजय सिंह के वंश की भी। इसी इलाक़े की अनूठी गाथा शहरनामा में....

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November 2024
पर्दे पर सबकुछ बेपर्दा
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अब तो खुला खेल फ़र्रुखाबादी है। न तो अश्लील दृश्यों पर कोई लगाम है, न अभद्र भाषा पर। बीप की ध्वनि बीते ज़माने की बात हो गई है। बेलगाम-बेधड़क वेबसीरीज़ ने मूल्यों को इतना गिरा दिया है कि लिहाज़ का कोई मूल्य ही नहीं बचा है।

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चंगा करेगा मर्म पर स्पर्श
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सदियों के शहर में आठ पहर
Aha Zindagi

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क्या कभी ख़याल आया कि 'न्यू यॉर्क' है तो कहीं ओल्ड यॉर्क भी होगा? 1664 में एक अमेरिकी शहर का नाम ड्यूक ऑफ़ यॉर्क के नाम पर न्यू यॉर्क रखा गया। ये ड्यूक यानी शासक थे इंग्लैंड की यॉर्कशायर काउंटी के, जहां एक क़स्बानुमा शहर है- यॉर्क। इसी सदियों पुराने शहर में रेलगाड़ी से उतरते ही लेखिका को लगभग एक दिन में जो कुछ मिला, वह सब उन्होंने बयां कर दिया है। यानी एक मुकम्मल यायावरी!

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भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को जीवंत करती है पिछवाई कला। पिछवाई शब्द का अर्थ है, पीछे का वस्त्र । श्रीनाथजी की मूर्ति के पीछे टांगे जाने वाले भव्य चित्रपट को यह नाम मिला था। यह केवल कला नहीं, रंगों और कूचियों से ईश्वर की आराधना है। मुग्ध कर देने वाली यह कलाकारी लौकिक होते हुए भी कितनी अलौकिक है, इसकी अनुभूति के लिए चलते हैं गुरु-शिष्य परंपरा वाली कार्यशाला में....

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November 2024
एक वीगन का खानपान
Aha Zindagi

एक वीगन का खानपान

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November 2024
सदा दिवाली आपकी...
Aha Zindagi

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November 2024
'मां' की गोद भी मिले
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'मां' की गोद भी मिले

बच्चों को जन्मदात्री मां की गोद तो मिल रही है, लेकिन अब वे इतने भाग्यशाली नहीं कि उन्हें प्रकृति मां की गोद भी मिले- वह प्रकृति मां जिसके सान्निध्य में न केवल सुख है, बल्कि भावी जीवन की शांति और संतुष्टि का एक अहम आधार भी वही है। अतः बच्चों को कुदरत से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने के जतन अभिभावकों को करने होंगे। यह बच्चों के ही नहीं, संसार के भी हित में होगा।

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November 2024