हक से मांगिए अपनी आजादी
Anokhi|August 13, 2022
आजादी के 75 साल। ढेरों अधिकार, अनगिनत अवसर पर, क्या महिलाओं को सही मायने में आजादी मिली है? अभी भी इस दिशा में सामूहिक रूप से हमें मजबूत कदम उठाने की जरूरत है। कैसे हक से मांगें अपनी आजादी. बता रही हैं दिव्यानी त्रिपाठी
दिव्यानी त्रिपाठी
हक से मांगिए अपनी आजादी

जादी, यानी अपनी जमीं और अपना ही आसमां। समान अधिकार, समान सम्मान। हम उसी आजादी का 75वां साल मना रहे हैं। यकीनन, देश को आजाद हुए लंबा वक्त बीत चुका है। इन वर्षों में हम हर दिशा में तेजी से आगे बढ़े हैं। पर, आज भी एक सवाल फांस बना बैठा है। क्या हम सभी आजाद हैं? या फिर उसमें भी फीसदी का गणित है? किसी की आजादी ज्यादा तो किसी को खैरात में आजादी मिल पा रही है? यहां बात हो रही है, हम महिलाओं की। जिनके कंधे पर जिम्मेदारी तो पूरी है, पर क्या आजादी उसके हिस्से पूरी आई है? सवाल खासा गहरा है और गंभीर भी।

सुरक्षित हैं आप?

आजाद भारत में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा सबसे बड़ा है। और उनकी आजादी पर लगा प्रश्नचिन्ह भी । वे न तो सड़क पर सुरक्षित हैं और न ही घर के भीतर। अपराध के बढ़ते आंकड़े तो कम से कम यही बयां करते हैं। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों की मानें तो 2020 की तुलना में 2021 के पहले छह महीनों में राजधानी में महिलाओं के खिलाफ अपराध में ' 63.3 फीसद की वृद्धि दर्ज हुई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 34 फीसदी एसिड एटैक असफल प्यार या लड़कियों के इंकार की वजह से होते हैं। महिलाएं अपने घर में भी सुरक्षित नहीं। आंकड़ों की मानें तो 38 फीसदी पुरुष स्वीकाते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नियों को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया है, जबकि 70 फीसदी महिलाएं किसी ना किसी रूप में घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं। इस बाबत उत्तर प्रदेश महिला मंच की अध्यक्ष नीलम चतुर्वेदी कहती हैं कि महिलाओं की एक बड़ी जमात को अब तक यह मालूम ही नहीं है कि मानसिक, शारीरिक, यौन शोषण अपराध हैं। इसके लिए सख्त कानून भी हैं। पर, समस्या फिर वहीं आती है कि महिलाओं में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता नहीं है। इतने पर ही बस नहीं होता। बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं। भारत में हर नौ में एक लड़की वयस्क के हाथों यौन शोषण या हमले का शिकार होती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 18 वर्ष से कम आयु के सभी पीड़ितों में से 82 फीसदी लड़कियां होती हैं।

कार्यक्षेत्र में है क्या हाल?

Bu hikaye Anokhi dergisinin August 13, 2022 sayısından alınmıştır.

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