मुझे समझ नहीं आता कि यह औरत चाहती क्या है?
मैं तंग आ चुका हूं। इसको समझना मेरे बस के बाहर है।
मेरी बीवी को खुश करना भगवान के लिए भी संभव नहीं।
औरत को तो ब्रह्मा भी नहीं समझ पाए।
कई पीढ़ियों से हम महिलाएं ऐसी ही बातें सुन रही हैं। पिताजी जिंदगी भर मां के बारे में यही बोलते रहे। दादा जी को तो हमेशा यही लगा कि दादी की हर बात बकवास है और अब भाई भी भाभी से ऐसे ही बातें करता है। कभी झल्लाते हुए अपने दोस्तों के आगे हम महिलाओं का ऐसा चरित्र-चित्रण किया जाता है, तो कभी तेज आवाज में सीधी बहस के बाद, ऐसे ही किसी एक डायलॉग के साथ बात को विश्राम दे दिया जाता है। रह जाता है तो एक सवाल, 'आखिर रिश्ते में क्या चाहती हैं महिलाएं ?'
लोगों को अकसर लगता है कि महिलाएं एक रिश्ते में पैसा, आकर्षक व्यक्तित्व और रसूख को तवज्जो देती हैं। पर क्या वाकई ऐसा है ? कुछ सर्वे हैं जो अलग ही कहानी बयां करते हैं। सर्वे के मुताबिक करीब 54.1 प्रतिशत महिलाओं के लिए साथी का समान परिवेश का होना जरूरी है। सिंगल महिलाओं पर हुए एक सर्वे से पता चलता है कि 18 से 34 साल की महिलाओं में 72 प्रतिशत सिंगल रहना ही पसंद करती हैं, जिसके पीछे के कारण हम सब समझ सकते हैं। वहीं शादी करने की इच्छा रखने या शादीशुदा महिलाओं में से करीब 77 प्रतिशत महिलाएं साथी के साथ समय बिताना, उनसे बात करना पसंद करती हैं। 51 प्रतिशत महिलाएं चाहती हैं कि साथी का अपने पुराने प्रेमी से कोई भी संपर्क न रहे। वहीं 47 प्रतिशत महिलाएं असुरक्षा के भाव से अपनी बातों को साथी से छिपाना पसंद करती हैं।
Bu hikaye Anokhi dergisinin September 07, 2024 sayısından alınmıştır.
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जेवर से बदलेगा आपका तेवर
हमेशा न तो शानदार डिजाइनर कपड़े पहने जा सकते हैं और न ही सिर से नख तक तैयार हुआ जा सकता है। ऐसे दिनों में सही जेवर का चुनाव करके आप साधारण कपड़ों में भी बेहद आकर्षक लग सकती हैं। कैसे सीखें यह गुर, बता रही हैं राघव शर्मा
कम न आंकें अपना यह दुख
कभी गौर किया है कि अधिकांश महिलाएं गर्भावस्था के तीन माह पूरे होने के बाद ही नाते-रिश्तेदारों से यह खुशखबरी क्यों साझा करती हैं? दरअसल, दुनिया भर में गर्भावस्था की पहली तिमाही में गर्भपात होना बेहद आम है। क्या हैं इसके कारण और कैसे बचें इससे, बता रही हैं डॉ. उषा प्रियंबदा
आपका अधिकार है सुरक्षित कार्यस्थल
अपनी सुरक्षा की चिंता किए बिना बेफिक्र होकर नौकरी करना हर महिला का अधिकार है। कार्यस्थल पर महिला को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए भारत में अलग से एक कानून है। क्या है यह कानून और इसके तहत क्या हैं आपके अधिकार, बता रही हैं शमीम खान
मसाज के लिए प्रभावी हैं ये टूल्स
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार सौंदर्य विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, गुंजन तनेजा
मूंगफली के मजेदार रूप
खाली समय बिताने के लिए मूंगफली खाते हुए लोग ठंड की दुपहरी में आपको अकसर नजर आ जाएंगे। सर्दी के इस पसंदीदा स्नैक्स को और किस तरह से अपने आहार का बनाएं हिस्सा, बता रही हैं शुभांगी जैन
अपेक्षाओं के तले गुम न जाए बचपन
बच्चे के बेहतर भविष्य की आशा करने में कुछ गलत नहीं है। पर, जब यह आशा अपेक्षाओं का रूप लेकर बचपन को ही गुम करने लगे तो ठीक नहीं। अपने बच्चे से किस तरह की अपेक्षाएं करना ठीक नहीं, बता रही हैं स्वाति गौड़
और कितना करेंगी अपनी खुशियों से समझौता?
परिवार, समाज और लोगों की प्रतिक्रियाओं की परवाह में महिलाएं ऐसे रिश्तों को भी ताउम्र ढोती रह जाती हैं, जो बदले में उन्हें दुख और अपमान के अलावा कुछ और नहीं देता। क्यों जरूरी है कि इस मामले में वे अब अपनी खुशी से समझौता करना बंद कर दें, बता रही हैं ममता
खुशबू खोलेगी आपके राज
सुगंध का हमसे बहुत पुराना नाता है। किसी के व्यक्तिव के बारे में समझने में सुगंध की बड़ी भूमिका होती है। देखने-सुनने के अलावा व्यक्ति की महक उसके बारे में बहुत कुछ बयां कर देती है। अपने व्यक्तिव को कैसे बनाएं सुगंधित, बता रही हैं स्वाति शर्मा
लघु उद्योग में पुरुषों से आगे हैं हम
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
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ठंड में शरीर पर कपड़ों की परत ही इतनी ज्यादा होती है कि एक्सेसरीज को अधिकांश लोग भूल ही जाते हैं। पर, क्या आप जानती हैं कि ठंड से बचाने और आपके लुक को आकर्षक बनाने वाली कई एक्सेसरीज को आप इस मौसम में भी अपने अंदाज का हिस्सा बना सकती हैं? कौन-कौन सी हैं ये एक्सेसरीज