कई वर्षों से सिनेमा, टीवी और मौडलिंग के बढ़ते दबाव की वजह से सौंदर्य के मानदंड तेजी से बदलने लगे हैं. साफ शब्दों में कहा जाए तो आजकल जरूरत से ज्यादा खूबसूरत दिखने की अनर्गल चाहत, ऊपर से फैशन का अनावश्यक दबाव और उस पर खुले बाजार की मार ने यहां बहुतकुछ बदल डाला है.
सौंदर्य की इस मौजूदा परिभाषा से इत्तफाक रखने वाले भी इस सचाई को स्वीकार करने लगे हैं कि फिगर का यह फोबिया कई तरह की मुसीबतों को जन्म देने लगा है. सौंदर्य में नए अवतार जीरो फिगर की चाहत युवतियों के दिलोदिमाग पर इस हद तक हावी है कि वे सौंदर्य ही नहीं, अपने स्वास्थ्य को भी दांव पर लगा रही हैं.
नकल में माहिर होती युवा पीढ़ी को अब इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि कल तक प्रीति जिंटा, रानी मुखर्जी और काजोल जैसी गोलमटोल व गदराए यौवन की मल्लिकाएं लोगों की पहली पसंद हुआ करती थीं. आज तो जिसे देखो वही दिशा पाटनी, अनन्या पांडे, आलिया भट्ट और दीपिका पादुकोण जैसी फिगर पाना चाहती हैं.
टीवी, सिनेमा और मौडलिंग की इस भेड़चाल पर टिप्पणी करते हुए मशहूर मौडल और मिस चंडीगढ़ रह चुकीं दिशा शर्मा ने कहा कि करीना कपूर की फिल्म 'टशन' जैसी फिगर प्राप्त करने के लिए अब कालेजगोइंग युवतियां ही नहीं, बल्कि नवविवाहिता और कईकई बच्चों की मांएं भी डाइटिंग के साथसाथ जिस प्रकार ऐंटीबायोटिक दवाएं गटक रही हैं, उस ने उन के सामने कई तरह की शारीरिक समस्याएं खड़ी कर दी हैं.
दरअसल भारत में जीरो फिगर की गपशप पहली बार करीना कपूर 'टशन' फिल्म से ले कर आई थीं. इस फिल्म में करीना कपूर ने तोतिया रंग की सैक्सी बिकिनी पहनी थी. उस सीन को समुद्र में फिल्माया गया. इस के बाद से ही बड़े जोरशोर से जीरो फिगर यानी सैक्सी दिखना समझा गया. हाल में दीपिका पादुकोण ने भी फिल्म 'पठान' में बिकिनी पहनी वह तो बवाल भगवा बिकिनी पर मच गया, वरना जिस करीने से दीपिका पादुकोण की फिगर को फिल्माया गया उस ने यंग लड़कियों के दिमाग में जरूर रश्क पैदा किया होगा.
Bu hikaye Mukta dergisinin June 2023 sayısından alınmıştır.
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