यंगस्टर्स की पसंद क्यों बन गया शार्क टैंक
Mukta|March 2024
शार्क टैंक का तीसरा सीजन चल रहा है और यह यंगस्टर्स के बीच खासा पौपुलर है. इस का कारण यह है कि यह शो अपने व्यूअर्स को सीधे टारगेट करता है. एक वे जिन के मन में क्रिएटिव आइडियाज चलते रहते हैं, दूसरे वे जिन्हें अनोखी शुरुआतों को देखने में खासी दिलचस्पी है.
प्रियंका यादव
यंगस्टर्स की पसंद क्यों बन गया शार्क टैंक

यंगस्टर्स के बीच 'शार्क टैंक इंडिया' काफी पौपुलर है. शो के अब तक 2 सीजन आ चुके हैं, तीसरा सीजन चल रहा है. 'शार्क टैंक इंडिया' अमेरिका के शार्क टैंक का इंडियन वर्जन है, जिस में देश के कोने कोने से यंगस्टर्स अपने स्टार्टअप ले कर आते हैं. इस शो के पिछले 2 सीजन सुपरहिट रहे हैं. इस शो के जजों को शार्क कहा जाता है जो बिजनैस पर्सन और ग्रुप के बिजनैस स्पीच को सुनते हैं और फैसला लेते हैं कि उन्हें इस बिजनैस में अपना पैसा इन्वैस्ट करना चाहिए या नहीं.

सब से पहली बात यह समझने की जरूरत है कि स्टार्टअप कहते किसे हैं? स्टार्टअप अपने नाम से जाहिर होता है, कोई शुरुआत यह सिर्फ मुनाफा कमाने के मकसद से काम नहीं करता. इसी के चलते अधिकतर स्टार्टअप कई सालों तक मुनाफा नहीं कमा पाते. अगर पेटीएम, फ्लिपकार्ट, अमेजन, क्रेड का उदाहरण लें तो पूरे बाजार पर कब्जा करने के बावजूद ये स्टार्टअप मुनाफा नहीं कमा पाए हैं...

स्टार्टअप का बढ़ता चलन

स्टार्टअप को बहुत बड़ा बनना होता है, इसलिए उसे शुरुआत से ही बहुत सारे पैसों की जरूरत पड़ती है. ऐसे में स्टार्टअप समयसमय पर कई राउंड की फंडिंग लेता है और पैसों की अपनी जरूरत को पूरा करता है. लेकिन यह भी सच है कि हर राउंड की फंडिंग के साथ स्टार्टअप फाउंडर या कोफाउंडर्स को अपनी कुछ इक्विटी देनी पड़ती है. कई बार तो स्टार्टअप फाउंडर इतने राउंड की फंडिंग ले लेता है कि उस की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा कम हो जाती है लेकिन कंपनी बहुत बड़ी बन जाती है.

स्टार्टअप का बढ़ता चलन देख कर सरकार भी इस क्षेत्र में कूद पड़ी. सरकार की क्रैडिट गारंटी स्कीम के तहत स्टार्टअप कंपनियों को अधिकतम 5 करोड़ रुपए का लोन बिना किसी गारंटी के मिल जाएगा. इस योजना के लिए मंजूरी राशि पर 2 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से घटा कर 0.37 फीसदी गारंटी शुल्क का भुगतान कर दिया गया है. इसी क्षेत्र में स्टार्टअप कंपनियों के लिए सरकार ने 5 स्कीमें चलाईं. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया स्कीम, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम स्कीम, क्रैडिट गारंटी फंड योजना और एमएसएमई.

Bu hikaye Mukta dergisinin March 2024 sayısından alınmıştır.

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