
सोशल मीडिया का इस्तेमाल आज हर कोई कर रहा है. किसी को भी दुनिया को कोई मैसेज देना है तो वह सोशल मीडिया पर ही पहुंच रहा है. लेकिन सोशल मीडिया के साइड इफैक्ट के बारे में कोई बात नहीं कर रहा. इस का उपयोग लोगों के सामाजिक व्यवहार को बदल रहा है. कई लोग दोस्तों के साथ बिताए जाने वाले समय की जगह सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. युवा वयस्क जो सोशल मीडिया का सब से अधिक उपयोग करते हैं, उन में अवसाद के लक्षण दिखने की संभावना काफी अधिक होती है.
साफ लक्ष्य और उद्देश्य तय करें: अपनेआप से पूछें कि आप सोशल मीडिया से दूर क्यों रहना चाहते हैं. समझें कि सोशल मीडिया पर काम करना आप के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है. चाहे वह काम पढ़ाई, रिश्ते या मानसिक शांति के लिए हो, एक स्पष्ट उद्देश्य आप के लिए प्रेरणा का काम करेगा.
सीमाएं तय करें: तय करें कि आप कितना समय या कौन से प्लेटफौर्म इस्तेमाल कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, प्रतिदिन x0 मिनट तक सीमित करें या सप्ताह के दिनों में पूरी तरह से बचें.
ऐप टाइमर और डिजिटल वेलबीइंग फीचर्स का उपयोग करें: अपने फोन में ऐप टाइमर सेट करें. अधिकांश स्मार्टफोन में डिजिटल वेलबीइंग फीचर्स होते हैं जो यह ट्रैक करते हैं कि आप ऐप्स पर कितना समय बिता रहे हैं और उसे वे सीमित कर सकते हैं. Forest या Stay Focusd जैसी ऐप्स का उपयोग करें, जो एक निश्चित अवधि के लिए ऐप्स को ब्लक कर देती हैं.
नोटिफिकेशन बंद करें: सोशल मीडिया ऐप्स से आने वाले नोटिफिकेशन को बंद कर दें. लगातार आने वाली पिंग्स और अलर्ट आप को बारबार फोन चैक करने के लिए प्रेरित करते हैं. नोटिफिकेशन बंद करने से आप का ध्यान भटकने की संभावना कम हो जाती है.
ऐप्स को होमस्क्रीन से हटाएं या डिलीट करें: सोशल मीडिया ऐप्स को फोल्डर में रखें या होमस्क्रीन से हटा दें ताकि वे आसानी से दिखें नहीं.
Bu hikaye Mukta dergisinin October 2024 sayısından alınmıştır.
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सेक्सुअल हेल्थ इन्फ्लुएंसर्स सैक्स अब टैबू नहीं रह गया
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अपूर्वा मखीजा हाल ही में विवादों में आई जब वह इंडियाज गौट लैटेंट में दिखाई दी. उसे फुजूल ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा. लड़की होने के नाते वह ज्यादा टारगेट पर रही.

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