औनलाइन गेमिंग और गैंबलिंग की लत युवाओं को बरबाद कर रही है. तकनीक का इस्तेमाल कर सट्टेबाजों ने मोबाइल को जुए और सट्टे के अड्डे में बदल दिया है. आज हमारी युवा पीढ़ी तुरंत अमीर बनना चाहती है और वह भी बिना कुछ किए. बिना मेहनत के ही आज की युवा पीढ़ी अथाह धन कमाने की लालसा रखती है. पूरा जब बिना मेहनत के युवा तुरंत अमीर बनने की चाहत रखेंगे तो अपने सपनों को करने के लिए गलत रास्ता अपनाने में भी उन्हें देर न लगेगी. औनलाइन सट्टेबाजी की यह दुनिया ऐसे युवाओं को कहीं का नहीं छोड़ती.
दिल्ली की रहने वाली मेघा बताती हैं कि उन का बेटा पढ़ने में बहुत होशियार था. उस की जौब भी बहुत अच्छी कंपनी में लगी. लेकिन उसी दौरान उसे औनलाइन जुए की लत लग गई. वह अपनी सैलरी के सारे पैसे इसी में खर्च कर देता है. उस ने अपने पिता और अपने नाम पर कर्ज भी लिए हैं. थकहार कर हम उसे पुलिस के पास ले गए, जहां उन्होंने उस की काउंसलिंग की. दिल्ली समेत देशभर के कई युवा इस नए चलन की ओर आकर्षित हो रहे हैं और दावा किया जा रहा है कि यह लत अब एक महामारी की तरह फैल रही है.
इसी तरह 30 साल के प्रणव भी प्राइवेट कंपनी में थे. दोस्तों से बेटिंग ऐप्स और औनलाइन गेमिंग के बारे में पता चला. 1,000 रुपए लगाए 10 गुने का मुनाफा हुआ. यह तो उन्हें म्यूचुअल फंड से भी अच्छा लगा. उन्हें लगा इस से अच्छा क्या है. अब वे कई सारी वैबसाइट पर खेलने लगे. शुरू में अच्छे पैसे मिले, वह भी गेम में लगा दिए. नौकरी छोड़ दी, उन्हें लगा कि पूरे दिन खेलूंगा तो जल्द से जल्द अमीर बन जाऊंगा. लेकिन हारते चले गए और नौबत आत्महत्या करने तक आ गई.
औनलाइन सट्टेबाजी की जड़ में धर्म
सदियों से दीपावली की रात जुआ खेलने की परंपरा है. मान्यता है, दीवाली के दिन जुआ खेलना शुभ माना जाता है क्योंकि यही वह दिन होता है जब लक्ष्मी प्रसन्न हो कर खूब माया बरसाती है. जुए को आजकल सट्टा खेलना भी कहते हैं. लेकिन जुआ खेलने वाले ये नहीं देख पाते कि यदि किसी को लाभ हो रहा है तो किसी को नुकसान भी होता है. जुए में पैसा कोई चमत्कारिक तरीके से पैदा नहीं होता बल्कि इस का पैसा उस के पास पहुंचता है.
Bu hikaye Mukta dergisinin October 2024 sayısından alınmıştır.
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बौडी लैंग्वेज से बनाएं फ्रैंडली कनैक्शंस
बौडी लैंग्वेज यानी हावभाव एक तरह की शारीरिक भाषा है जिस में शब्द तो नहीं होते लेकिन अपनी बात कह दी जाती है. यह भाषा क्या है, कैसे पढ़ी जा सकती है, जानें आप भी.
औनलाइन सट्टेबाजी का बाजार गिरफ्त में युवा
दीवाली के मौके पर सट्टा खूब खेला जाता है, इसे धन के आने का संकेत माना औनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. मटकों और जुआखानों की युवा जाता है. जगह आज औनलाइन सट्टेबाजी ने ले ली है, जो युवा पीढ़ी को बरबाद कर रही है.
सोशल मीडिया डिटॉक्स जरूरी
युवाओं के जीवन में सोशल मीडिया हद से ज्यादा हावी होने लगा है. उन में इस का एक तरह से एडिक्शन सा हो गया है. ऐसे में जरूरी है समयसमय पर इस से डिटोक्स होने की.
दीवाली नोस्टेलजिया से बचें
कई लोग ऐसे होते हैं जो फैस्टिव नोस्टेलजिया में फंसे रहते हैं और अपना आज खराब कर रहे होते हैं जबकि समझने की जरूरत है कि समय जब बदलता है तो उस के साथ नजरिया और चीजें भी बदलती हैं.
सिर्फ ट्रैंडिग चेहरा बन कर रह गईं कुशा कपिला
इन्फ्लुएंसर कुशा कपिला ऐक्टिंग कैरियर के शुरुआती दौर में हैं. कुछ प्रोजैक्ट मिल चुके हैं लेकिन याद रखने लायक कोई भूमिका नजर नहीं आई. जरूरी है कि वे अपनी सोशल मीडिया की एकरूपता वाली आदत को छोड़ें.
कूड़े का ढेर हो गया है सोशल मीडिया
सोशल मीडिया कूड़े का ढेर जैसा है, जहां अपने मतलब की या सही जानकारी जुटाने के लिए काफी जद्दोजेहद करनी पड़ती है क्योंकि यहां बैठे इन्फ्लुएंसर्स और न्यूज फीडर बिना संपादन के कुछ भी झूठसच ठेलते रहते हैं.
इयरफोन का यूज सही या गलत
इयरफोन को हम ने अपने जीवन में कुछ इस तरह जगह दे दी है कि आसपास क्या चल रहा है, हमें खबर ही नहीं होती. मानो हर किसी की अपनी एक अलग दुनिया हो, जिस में वह और उस का यह गैजेट हो और कोई नहीं.
औनलाइन ट्रैप में फंसती लड़कियां
औनलाइन डेटिंग और सोशल मीडिया ने युवाओं को एकदूसरे से जुड़ने के नए तरीके दिए हैं, लेकिन इस के साथ ही उन के फ्रौड के शिकार होने के खतरे भी बढ़ गए हैं. पढ़ीलिखी लड़कियां भी मीठी बातों में फंस कर अपने सपनों और भावनाओं के साथसाथ आर्थिक नुकसान भी उठा रही हैं.
सैल्फमेड ऐक्ट्रैस अलाया एफ
बौलीवुड में अलाया का ताल्लुक भले फिल्मी परिवार से रहा लेकिन काम को ले कर चर्चा उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हासिल की. उन्हें भले स्टार वाली सफलता अभी हासिल न हुई पर उन के हिस्से में कुछ अच्छी फिल्में जरूर आई हैं.
इस दीवाली कुछ क्रिएटिव तरीके से करें विश
दीवाली पर वही पुराने व्हाट्सऐप फौरवर्ड मैसेजेस पढ़ कर या भेज कर यदि आप बोर हो चुके हैं तो थोड़ी सी क्रिएटिविटी कर आप इसे इंट्रेस्टिंग बना सकते हैं और वाहवाही लूट सकते हैं. कैसे, जानिए.