ओयो भी बना दुश्मन प्यार का कुंआरे कपल्स की एंट्री बंद

शुरुआत मेरठ से हुई है, खात्मा कहां होगा, कहा नहीं जा सकता क्योंकि इस मामले पर यह धार्मिक कहावत लागू नहीं होती कि ऊपरवाला एक दरवाजा बंद करता है तो दूसरे कई खोल भी देता है. यहां तो नीचे वाले ही प्यार पर पहरे बिठाने को उतारू हो आए हैं जिस में ऊपरवाला भी कुछ नहीं कर सकता. करना तो अब प्रेमियों को ही पड़ेगा क्योंकि शुरुआत हो चुकी है दिल्ली और एनसीआर सहित कई दूसरे शहरों में भी मेरठ वाली धमक सुनाई देना शुरू हो गई है.
बेंगलुरु इस कहर या ज्यादती का अगला पड़ाव है वहां प्यार के शाश्वत दुश्मन कट्टर संगठन बजरंगदल ने बीबीएमपी यानी बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका के कमिश्नर तुषार गिरिनाथ और बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त बी दयानंद से ऐक्शन लेने को कहा है. इस हिंदूवादी संगठन द्वारा दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि बेंगलुरु शहर में भी मेरठ जैसा नियम लागू किया जाना चाहिए. अर्थात अविवाहित जोड़ों को होम स्टे, लौज, सर्विस अपार्टमैंट और अन्य होटलों में भी कमरे नहीं दिए जाने चाहिए. बजरंग दल के मंसूबे और मंशा तो इस से आगे भी कुछ और है लेकिन बात पहले मेरठ की जहां से ‘सदाचार' की क्रांति शुरू हुई जिस से उत्साहित तमाम छोटेबड़े शहरों में कट्टरवादी संगठन 'मुगले आजम' के जिल्लेइलाही के रोल में न दिखें तो बात हैरत वाली होगी.
मेरठ में हौस्पिटैलिटी कंपनी ओयो ने ऐलान किया है कि अब कुंआरे कपल्स को रूम नहीं दिए जाएंगे. ओयो होटल्स में रुकने वाले कपल्स को रिलेशनशिप सर्टिफिकेट देना होगा. इस फैसले के पीछे ओयो ने बड़ा सात्विक कारण यह बताया है कि मेरठ के लोगों ने अविवाहित कपल्स को कमरा न देने की अपील की थी. इसके अलावा इस संदर्भ में देशभर में कई याचिकाएं भी दायर की गई हैं.
Bu hikaye Mukta dergisinin January 2024 sayısından alınmıştır.
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