जातिगत जनगणना का 'दल-दल'
DASTAKTIMES|May 2023
राहुल गांधी की मोदी सरनेम पर की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा ने संसद के बजट सत्र में ओबीसी कार्ड खेला था। भाजपा ने इसे ओबीसी का अपमान बताया था और राहुल गांधी को घेरने की कोशिश की थी। राहुल पर ओबीसी और दलितों का अपमान करने का भी आरोप लगाया गया था। अब कांग्रेस के इस दांव से यह साफ है कि भाजपा के लिए ओबीसी अपमान का ट्रंप कार्ड च नहीं रहेगा। उधर, साफ है कि सपा, बसपा, राजद, जदयू, डीएमके समेत कई दल इसके समर्थन में हैं। नीतीश ने कांग्रेस को विपक्ष का सर्वसम्मत ढूंढने की सलाह दी थी। इसके बाद ही कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को इस संदर्भ में पत्र लिखा। जातिगत जनगणना का मुद्दा धीरे-धीरे ही सही गरम हो रहा है।
जितेन्द्र शुक्ला
जातिगत जनगणना का 'दल-दल'

महंगाई, बेरोजगारी, नोटबंदी, कथित रूप से गलत जीएसटीऐसे तमाम मुद्दे थे और आज भी जीवंत हैं, जिन्हें हथियार बनाकर विपक्ष ने केन्द्र में सत्तारूढ़ नरेन्द्र मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला किया। लेकिन बात यहां पर जमीनी हालात कि की जाये तो विपक्ष बहुत हद तक बीजेपी को घेरने को लेकर अपनी रणनीति में सफल भी दिखा। पर, जनमानस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर जो छवि प्रख्यापित हो गयी है, उसमें सेंधमारी करना विपक्ष के लिए दुरूह कार्य था। ऐसा हुआ भी, महंगाई और बेरोजगारी होने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी की लोकप्रियता में लगातार इजाफा होने का जो क्रम साल 2014 में शुरु हुआ था, वह आज भी ऊंचाइयां छूने को आतुर है। यहां यह उल्लेखनीय है विपक्ष बीजेपी पर धर्म आधारित राजनीति करने का आरोप लगातार लग रहा है। यदि इतिहास में झांके तो जाति आधारित राजनीति को तोड़ने के लिए ही कमंडल यानि धर्म आधारित राजनीति को हवा दी गयी थी । एक दौर ऐसा भी आया कि जाति सिर चढ़कर बोली, लेकिन बाद में धर्म ने जातियों के बंधन को तोड़ दिया और सभी एक झण्डे के नीचे दिखायी दिए। वहीं अब एक बार फिर जातिगत जनगणना के मुद्दे को उठाकर विपक्ष जातिगत राजनीति को हवा देने की रणनीति तैयार करने में जुटा है। कमोबेश विपक्ष की सोच और रणनीति यह है कि जब जातिगत जनगणना होगी तब यह बात भी पुरजोर तरीके से उठेगी कि से 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी भागीदारी' । पहले जातिगत जनगणना की आवाज बिहार से बुलन्द हुई, उसके बाद यूपी में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कुछ अन्य दलों ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया।

Bu hikaye DASTAKTIMES dergisinin May 2023 sayısından alınmıştır.

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अब आकांक्षा पुरी संग रोमांस करेंगे खेसारी
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भोजपुरी सिनेमा के ट्रेंडिंग स्टार खेसारी लाल यादव एक बार फिर चर्चा में हैं और इस बार उनके साथ खूबसूरत अभिनेत्री आकांक्षा पुरी हैं। दोनों की एक खास तस्वीर सोशल मीडिया पर धूम मचा रही है।

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भारत ने आस्ट्रेलिया में पिछली दो टेस्ट सीरीज जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी पर कब्जा बना रखा है, जबकि आस्ट्रेलिया ने 2015 के शुरुआत में घरेलू सीरीज में 2-0 से जीत हासिल की थी। रवि शास्त्री ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल बातचीत में कहा, जसप्रीत बुमराह फिट हैं, मोहम्मद शमी फिट हैं, आपके पास मोहम्मद सिराज भी हैं।

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बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने 72 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी जिंदगी की कहानियां, छठ गीत और उनकी मधुर आवाज शायद ही किसी संगीतप्रेमी के मन से जा सकती है।

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बॉडीगार्ड
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अपने काले चश्मे से डेविड की ओर देखकर रिकी ने कहा, शिकागो से मेरा दोस्त जॉकी रॉबिन्सन यहां आने वाला है। डेविड ने स्वीकृति में अपना सिर हिला दिया। उसने मुंह से सिगार बाहर निकालकर उसकी राख को एश ट्रे में छोड़ दिया फिर उसे अपने होठों के बीच रख लिया।

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November 2024
परिश्रम से ही कामनाओं की प्राप्ति होगी
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ऋग्वेद में प्रत्यक्ष सांसारिक कर्तव्य पालन पर ढेर सारे मंत्र हैं। कृषि कर्म समृद्धिसूचक है। पशुपालन सहज व्यवसाय है। पूर्वजों को गायें प्रिय हैं। पूर्वज उनकी सेवा करते हैं। उन पर हिंसा को अपराध बताते हैं। ऋषि का अनुरोध है 'हे मित्रों! गायों, पशुओं के पानी पीने के बहुत स्थान बनाओ।' आर्य अश्व प्रिय भी हैं। घोड़े पालते हैं।

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छठी मइया आईं न दुअरिया
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छठ पर्व की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह पूरे चार दिन तक जोश-खरोश के साथ निरंतर चलता है। पर्व के प्रारम्भिक चरण में प्रथम दिन व्रती स्नान करके सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे 'नहाय खाय' कहा जाता है। वस्तुतः यह व्रत की तैयारी के लिए शरीर और मन के शुद्धिकरण की प्रक्रिया होती है। मान्यता है कि स्वच्छता का ख्याल न रखने से छठी मइया रुष्ट हो जाती हैं- प्रथम दिन सुबह सूर्य को जल देने के बाद ही कुछ खाया जाता है।

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November 2024
ब्रिक्स विकासशील देशों का मंच या एंटी वेस्टर्न ब्लॉक
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भारत इस ब्लॉक में सबसे सकारात्मक रवैए को लेकर चलता है लेकिन रूस और चीन के अपने हित, चिंताएं और उसके अनुरूप डिप्लोमेसी है। ब्रिक्स के वर्तमान सदस्य देशों और अन्य नए बनने वाले सदस्यों में से कई ऐसे हैं जो अमेरिका के नेतृत्व वाले वेस्टर्न ब्लॉक, नाटो, यूरोपीय संघ की सामरिक आर्थिक नीतियों से नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं। रूस और ईरान इसके विशेष उदाहरण हैं।

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November 2024
कोल्हान और संथाल तय करेगा झारखंड का सियासी भविष्य
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कोल्हान क्षेत्र की जनता इस बार कई बड़ी हस्तियों का सियासी भविष्य भी तय करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन इसके सबसे बड़े नजीर होंगे। पूर्णिमा दास साहू की जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत-हार सीधे उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास की राजनीति पर असर पड़ेगा। वहीं पोटका से पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा की लड़ाई दोनों की जमीनी पकड़ परखेगी। सबसे दिलचस्प नजारा जमशेदपुर पश्चिम में दिखेगा यहां सरयू राय और मंत्री बना गुप्ता मैदान में हैं।

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November 2024
क्या हरियाणा कांग्रेस विद्रोह के कगार पर खड़ी है!
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क्या हरियाणा कांग्रेस विद्रोह के कगार पर खड़ी है!

कांग्रेस हाई कमान के दोबारा हुड्डा को गद्दीनशीन करने के कदम से गैर जाट वर्ग और आक्रोशित हो गया तथा 2014 के विधानसभा चुनावों में, जो पुनः हुड्डा के ही नेतृत्व में लड़े गए थे, कांग्रेस को 15 सीटों तक समेट कर रख दिया। हाईकमान को अपनी गलती का आभास होने लगा तथा हाईकमान ने भजन लाल के राजनीतिक वारिस कुलदीप बिश्नोई को 2016 में दोबारा शामिल कर लिया ताकि नाराज गैर जाट वर्ग को अपने साथ जोड़ सके।

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November 2024
किसमें कितना दम
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किसमें कितना दम

राज्य की चार विधानसभा सीटों तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ में उपचुनाव होगा। इनमें से तीन सीट पर महागठबंधन का कब्जा रहा है। यहां से विधायकों के लोकसभा चुनाव में जीतकर सांसद बनने के चलते यह सीटें खाली हुई हैं। इस तरह देखा जाए तो सबसे अधिक दांव महागठबंन का लगा है। महागठबंधन की ओर से तीन सीटों रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज से राजद, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) तरारी से चुनाव लड़ रही है। एनडीए की ओर से दो पर भाजपा तो एक-एक पर जदयू और हम लड़ रहे हैं।

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November 2024