महाराष्ट्र की सियासत में खत्म हो रहा शरद पवार युग!
DASTAKTIMES|November 2023
27 साल की उम्र में विधायक बने शरद पवार की राजनीति की विशेषता शुरुआती दौर से ही सूझ-बूझ से भरी रही है। यही वजह रही कि साल 1967 में वो एमएलए चुने गए जब उनकी उम्र महज 27 साल थी। शरद पवार लगातार उसके बाद बुलंदियों को छूते रहे और तत्कालीन दिग्गज नेता यशवंत राव चव्वहाण उनके राजनीतिक संरक्षक के तौर पर उन्हें आगे बढ़ाते रहे।
महाराष्ट्र की सियासत में खत्म हो रहा शरद पवार युग!

हाराष्ट्र की चुनावी राजनीति में क्या शरद पवार युग का अंत होने वाला है ? ऐसा इसलिए कहा है जा रहा ने स्वयं कहा है कि वह 2024 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं स्पष्ट किया कि यह फैसला उन्होंने बढ़ती उम्र के कारण लिया है या फिर पार्टी में बिखराव ने उनको 'कमजोर' कर दिया है। पवार साहब बड़े नेता हैं, वह अपनी बात साफगोई से कहते हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि उनको कोई बात छिपाना नहीं चाहिए और चुनाव नहीं लड़ने की वजह खुलकर बताना चाहिए। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कुछ माह पूर्व भतीजे अजित पवार की बगावत के बाद महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार ने बड़ी-बड़ी बातें और दावे किये थे। पार्टी में बगावत को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खूब खरी-खोटी सुनाई थी, परंतु लगता है कि बड़े पवार साहब अब जमीनी हकीकत समझ गये हैं कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता है। एक समय था जब पवार साहब कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी तक को चुनौती देने की ताकत रखते थे, आज स्वयं घर की सियासी लड़ाई नहीं सुलझा पा रहे हैं।

एनसीपी चीफ शरद पवार के चुनाव नहीं लड़ने की चर्चा गत दिनों डिंडोरी लोकसभा सीट को लेकर समीक्षा बैठक के दौरान उस समय शुरू हुई जब पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने लोकसभा सीटों को लेकर की जा रही समीक्षा बैठक में शरद पवार से महाराष्ट्र के माढा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की गुज़ारिश की। मगर शरद पवार ने चुनाव लड़ने से इनकार करते हुए अपने को चुनावी राजनीति से परे कर लिया, लेकिन चुनावी सभाओं में वह जरूर नजर आयेगें। खासकर पार्टी में हुई बगावत के बाद लोकसभा चुनाव में पार्टी को मजबूत करने के लिए पवार राज्य के साथ देशभर का दौरा करेंगे। शरद पवार अभी राज्यसभा के सदस्य हैं।

Bu hikaye DASTAKTIMES dergisinin November 2023 sayısından alınmıştır.

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मूल परंपरा से संवाद जरूरी
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मूल परंपरा से संवाद जरूरी

संगति में काल में न कुछ प्राचीन है और न ही आधुनिक। हम मनुष्य ही काल प्राचीनता या नवीनता के विवेचन करते हैं। प्राचीनता ही अपने अद्यतन विस्तार में नवीनता और आधुनिकता है। हम आधुनिक मनुष्य अपने पूर्वजों का ही विस्तार हैं। वे भी अपनी विषम परिस्थितियों में अपने पूर्वजों से प्राप्त जीवन मूल्यों को झाड़पोछकर अपने समय की आधुनिकता गढ़ रहे थे। ऐसा कार्य सतत् प्रवाही रहता है।

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August 2024
भारत और रूस संबंधों को नई मजबूती
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भारत और रूस संबंधों को नई मजबूती

तीसरी बार पीएम पद संभालने के बाद मोदी ने अपने पहले विदेश दौरे के लिए रूस जाने का फैसला किया। गौरतलब है कि जिस वक्त मोदी रूस के दौरे पर थे उस वक्त पश्चिमी देशों के सैन्य गठबंधन, नेटो की बैठक की तैयारी हो रही थी । अमेरिका में होने वाली नेटो की इस बैठक में यूक्रेन के लिए सहयोग और नेटो की उसकी सदस्यता अहम मुद्दा था। जानकार मानते हैं कि मोदी का रूस दौरा पश्चिमी देशों को इशारा है कि वह अपनी रक्षा और अन्य जरूरतों के लिए पूरी तरह पश्चिमी देशों पर निर्भर नहीं कर सकता।

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August 2024
भाजपा का एसटी सीटों पर फोकस
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भाजपा का एसटी सीटों पर फोकस

भाजपा ने आगामी चुनाव को लेकर भी अपना एजेंडा तय कर लिया है। पार्टी का मानना है कि भ्रष्टाचार और बांग्लादेशी घुसपैठ दो अहम मुद्दे हैं जिन पर इंडिया गठबंधन को घेरा जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि संथाल परगना सहित कई ऐसे इलाके हैं जहां एक समुदाय के वोटरों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। इसके साथ ही बैठक में प्रदेश भाजपा के सिर्फ नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शीघ्र झारखंड दौरे के संकेत दिए गए हैं वहीं, इसकी भनक राज्य सरकार को भी मिली है।

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August 2024
प्रशांत किशोर का पैंतरा
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प्रशांत किशोर का पैंतरा

पीके राजनीतिक सलाहकार के रूप में जाने जाते हैं, हालांकि राजनेता के रूप में जदयू में रहे, लेकिन बहुत दिनों तक नीतीश कुमार के साथ नहीं चल सके। नीतीश ने पीके को जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था। तब उनकी पार्टी में नंबर दो की हैसियत थी। बाद में जदयू से किनारे लगा दिए गए। अब वे पूरी तरह से एक राजनेता के रूप में लोगों के सामने आने को तैयार हैं।

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August 2024
खेलों के महाकुम्भ में भारत
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खेलों के महाकुम्भ में भारत

भारत ने टोक्यो ओलंपिक में सात पदक जीते ये जो उसका ओलंपिक खेलों में अभी तक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और भारतीय खिलाड़ी इसमें सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। केंद्र सरकार ने भी भारतीय खिलाड़ियों का खूब ध्यान रखा है। पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए उसने करीब पौने पांच अरब रुपये खिलाड़ियों पर खर्च किए हैं। जिस-जिस खिलाड़ी ने देश-विदेश जहां भी ट्रेनिंग की मांग की, उसे वहां भेजा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पेरिस जाने से पहले खिलाड़ियों से बात कर उनका हौसला बढ़ाया। किसी भी तरह से कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

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August 2024
सपा की चुनौती सामने खड़ी बीजेपी या पर्दे के पीछे छिपी कांग्रेस
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सपा की चुनौती सामने खड़ी बीजेपी या पर्दे के पीछे छिपी कांग्रेस

2027 में सपा-कांग्रेस साथ-साथ रहेंगे यह तो अभी नही कहा जा सकता है, क्योंकि सपा यदि कांग्रेस के साथ चलती है तो इससे सिर्फ कांग्रेस को ही फायदा होता है। इस बात का अहसास अखिलेश यादव को भी होगा, भले ही वह इस संबंध में सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोल रहे हैं। बात यहीं तक सीमित नहीं है। दरअसल, राहुल गांधी यूपी में अपने गठबंधन सहयोगी अखिलेश यादव के सामने बड़ी सियासी लाईन खड़ी करना चाहते हैं। यही बात सपा के थिंक टैंक को परेशान कर रही है, लेकिन इस समय अखिलेश का सारा ध्यान भाजपा की ओर लगा है।

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August 2024
जीईपी लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड
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जीईपी लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार ने सूबे में सबसे पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू कर सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक निर्णय लिया और अब सकल पर्यावरणीय उत्पाद (जीईपी) को लागू कर पर्यावरण स्वास्थ्य की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठाया है।

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August 2024
सीएम धामी के प्रदर्शन से केन्द्रीय नेतृत्व संतुष्ट
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सीएम धामी के प्रदर्शन से केन्द्रीय नेतृत्व संतुष्ट

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी को लागू करने, सतत विकास सूचकांक में पहला स्थान प्राप्त करने, पर्यटन व तीर्थाटन को आर्थिक समृद्धि का आधार बनाने सहित सुशासन पर केन्द्रित मॉडल को प्रस्तुत किया। सीएम धामी ने बताया कि उनकी सरकार अर्थव्यवस्था को दोगुना करने के साथ ही पर्यावरणीय चिंताओं को दर करने में भी क्रांतिकारी कदम उठा रही है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना भी प्राथमिकता में है।

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August 2024
आपदा प्रभावित क्षेत्र में डटे सीएम धामी
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आपदा प्रभावित क्षेत्र में डटे सीएम धामी

पीएम मोदी का मिल रहा पूरा सहयोग

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August 2024
सीएम धामी के मुरीद हुए तीर्थपुरोहित
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सीएम धामी के मुरीद हुए तीर्थपुरोहित

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी तीर्थपुरोहितों के चहेते बन गए हैं। तीर्थपुरोहितों का मानना है कि सीएम के प्रयास से चारधाम यात्रा व्यवस्था इस बार अब तक ऐतिहासिक रही है। दूसरी ओर हाल ही में दिल्ली की एक संस्था द्वारा केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाने की बात सामने आई तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न केवल इसे लेकर हस्तक्षेप किया बल्कि उन्होंने कैबिनेट में ही नियम लाकर कि देश में कहीं भी चारधाम से मिलते-जुलते ट्रस्ट या मंदिर नहीं बनाए जाएंगे। इस फैसले के बाद तीर्थ पुरोहित सीएम धामी के मुरीद हो गए हैं।

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August 2024