अक्षरधाम मंदिर के पास बने कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज के मतगणना केंद्र की गहमागहमी 7 दिसंबर को करीब साढ़े बारह बजे तक खत्म हो गई और दिल्ली नगर निगम चुनाव (एमसीडी) जीत चुके आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों का मजमा दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित पार्टी मुख्यालय पर लगने लगा. पूरा रास्ता नीले- पीले गुब्बारों से अटा हुआ था, जो कि आप के नए झंडे के रंग भी हैं. एक महिला पार्षद का पैर जमीन पर पड़े मीडिया के कैमरों के तारों में उलझा और लोगों ने उन्हें संभाल लिया. उन्हें चोट नहीं लगी, लेकिन चुनाव के नतीजों की चोट आप दफ्तर से चंद कदम की दूरी पर स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय और भाजपा मुख्यालय के नजारों में महसूस की जा सकती थी. प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर में लगभग सन्नाटा पसरा था और भाजपा मुख्यालय में कारें आ जा रही थीं, दिल्ली भाजपा दफ्तर में जोश कम था. आप दफ्तर की छत पर चढ़कर उद्घोषक भीड़ से मुख्यमंत्री केजरीवाल की अगवानी के वास्ते रास्ता खाली करने की अपील कर रहा था. करीब ढाई बजे काले रंग की चमचमाती मौरिस गराज (एमजी) ग्लोस्टर भीड़ को चीरती हुई भीतर आती है और केजरीवाल के उतरते ही "मेरा रंग दे बसंती चोला" गाना बजने लगता है. इसके बाद बारी-बारी से नेता विजयी भाषण शुरू करते हैं और "भारत माता की जय", "इंकलाब जिंदाबाद" जैसे जयघोष करते हैं. बाहर दूर खड़ा एक ऑटोवाला भी जिंदाबाद चिल्लाने लगता है, जो केजरीवाल के राजनीतिक असर और उनकी राजनीतिक सफलता को समझाने के लिए पर्याप्त है.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin December 21, 2022 sayısından alınmıştır.
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शब्द हैं तो सब है
शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?
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नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी
सनसनीखेज सफलता
पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है
ठोकने की यह कैसी नीति
सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा
अग्निपरीक्षा की तेज आंच
अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार
अराजकता के गर्त में वापसी
केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं
अब आई मगरमच्छों की बारी
राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"