![कायाकल्प के कारक कायाकल्प के कारक](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1672058182/articles/7sL_QQ_kZ1672126119594/1672126727674.jpg)
हरित क्रांति
जवाहरलाल नेहरू ने 1952 में कहा था "और सब इंतजार कर सकते है, कृषि नहीं." नीतिगत कमियों और बढ़ती आबादी से तंगी और बदतर हो गई, जिसने भारत को हैरी ट्रूमैन के इंडिया इमरजेंसी फूड ऐक्ट और पीएल480 की सहायता को मोहताज बना दिया. नेहरू ने 1963 में संसद में कहा, "हम दूसरे देशों की खैरातों पर जिंदा नहीं रह सकते." पता यह चला कि 1966 में जब भारत लगातार दो साल अकाल के जंजाल में फंसा था, लिंडन बी. जॉनसन की सरकार ने आपूर्तियों पर घेरा कस दिया और भारत को 'शिप टू माउथ' अर्थव्यवस्था करार दिया. लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी ने सी. सुब्रह्मण्यम और एम. एस. स्वामीनाथन को इतना शक्ति संपन्न बनाया कि वे संकर बीज (हाइब्रिड) लाकर पैदावार बढ़ाने और हरित क्रांति का ताना-बाना बुन सकें. 2022 में 31.6 करोड़ टन की उपज के साथ भारत दुनिया के शीर्ष तीन खाद्य उत्पादकों में है.
बैंकों का राष्ट्रीयकरण
भारत को 1947 में पता था कि उसके पास अपनी महत्वाकांक्षाओं पर धन लगाने के लिए संसाधन नहीं हैं. उसकी बचत दर बमुश्किल 11 फीसद थी. राजनैतिक वर्ग को यकीन था कि कारोबारी घरानों ने बचत पर कब्जा जमा रखा है. सुभद्रा जोशी ने पहले-पहल राष्ट्रीयकरण का विचार सामने रखा. अर्थशास्त्र और राजनीति के मिलन स्थल पर आने के कारण इसे समर्थन मिला, क्योंकि भारत को निवेश पूंजी की और इंदिरा गांधी को कांग्रेस में सिंडीकेट से सत्ता छीनने के लिए राजनैतिक पूंजी की जरूरत थी. 1969 में 14 बैंकों की मिल्कियत सरकार को सौंप दी गई, जिससे 50,000 शाखाओं और एक साथ इतने सारे धन के अलावा एसएलआर सरीखे तंत्र के माध्यम से धन कोषों तक पहुंच हासिल हो पाई. 2022 में वह नीति भले बदल रही हो, पर विकास में इसकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता. इस तरह देश को वित्तीय समावेशन देखने में 40 साल का समय लगा.
श्वेत क्रांति
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin January 04, 2023 sayısından alınmıştır.
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![तन्हाई में तारों से बातें तन्हाई में तारों से बातें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/KkYi-s4Uf1739799502351/1739799613388.jpg)
तन्हाई में तारों से बातें
पूर्वा नरेश ने दोस्तोएव्स्की की कहानी व्हाइट नाइट्स के अपने म्यूजिकल रूपांतरण चांदनी रातें में नौटंकी शैली का उपयोग किया
![धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/qNiEvMoj_1739798778622/1739799025940.jpg)
धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी
विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश और पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वालीं तीरअंदाज शीतल देवी लोगों की नई पसंद हैं. पुरुष-महिला क्रिकेटर तो खैर शीर्ष पर हैं ही. सिंधु और नीरज भी अपनी सूची में दूसरों से काफी आगे रहते हुए चोटी पर
![पक्ष में सबसे ज्यादा योग पक्ष में सबसे ज्यादा योग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/1KjgoeYER1739797917636/1739798047739.jpg)
पक्ष में सबसे ज्यादा योग
आठ साल से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ ने लगातार 10वीं बार सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का दर्जा हासिल कर दर्शा दिया है कि देशभर में उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं
![कुछ तो पक रहा है कुछ तो पक रहा है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LTVA_wBh-1739799397242/1739799499364.jpg)
कुछ तो पक रहा है
अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा ने फिल्म मिसेज में दमदार काम किया है, जो 2021 की मलयालम फिल्म द ग्रेट इंडियन किचन की हिंदी रीमेक है
![अब पंजाब की पहरेदारी अब पंजाब की पहरेदारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/8XJdjA3wB1739796311485/1739796457045.jpg)
अब पंजाब की पहरेदारी
अरविंद केजरीवाल के लिए सवाल यह नहीं है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का भविष्य है या नहीं. उनके लिए प्रश्न यह है कि पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में एक आइडिया के रूप में प्रासंगिक रहेगी या नहीं. दिल्ली में पार्टी की हार के तीन दिन बाद 11 फरवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब के 95 में से 86 आप विधायकों के साथ उनकी आधे घंटे बैठक हुई. माना जाता है कि इसमें केजरीवाल ने बताया कि पार्टी के भविष्य को लेकर उनके मन में क्या है.
![चौकन्ना रहने की जरूरत चौकन्ना रहने की जरूरत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/EZZRCWmXZ1739798370280/1739798495822.jpg)
चौकन्ना रहने की जरूरत
आम तौर पर मोदी सरकार की विदेश नीति लोगों को पसंद आती है लेकिन कई लोगों का मानना है कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर भी लोग फिक्रमंद
![हमारे गेहुंएपन का स्वीकार हमारे गेहुंएपन का स्वीकार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LlGFceKe51739799217629/1739799396270.jpg)
हमारे गेहुंएपन का स्वीकार
एक मजहब का धर्म रु चुनने की प्रक्रिया के बहाने हमें सहिष्णुता और स्वीकार के सार्वभौमिक धर्म की सीख दे जाती है एडवर्ड बर्गर की कॉन्क्लेव
![भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/3573rr2xc1739796211678/1739796309010.jpg)
भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 फरवरी को जब भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनका उत्साह हमेशा के मुकाबले एक अलग ही मुकाम पर था.
![विकास की कशमकश विकास की कशमकश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/NSBwWnhnm1739797282517/1739797660783.jpg)
विकास की कशमकश
एक ओर जहां कमजोर मांग, कम निवेश और दुनियाभर में अनिश्चितता की वजह से भारत की वृद्धि पर असर पड़ रहा है, वहीं आसमान छूती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी कर में मिली राहत को ढक रही है. इन सबकी वजह से आम आदमी का संघर्ष और आर्थिक परेशानियां बढ़ रहीं
![उथल-पुथल का आलम उथल-पुथल का आलम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/R77_jKKQS1739798498314/1739798692561.jpg)
उथल-पुथल का आलम
सामाजिक-राजनैतिक सुधारों के लिए सरकार को मजबूत समर्थन मिल रहा मगर लोकतंत्र, धार्मिक ध्रुवीकरण और महिला सुरक्षा को लेकर चल रही खदबदाहट से इससे जुड़ी चिंताएं उजागर