पुंछ की रक्षा
(1947-48 जंग)
उरी पर कब्जे के बाद, लेफ्टिनेंट कर्नल (बाद में ब्रिगेडियर बने) प्रीतम सिंह की अगुआई में दो बटालियनों ने हमलावरों से घिरे हुए पुंछ शहर में अपना रास्ता बनाया. स्थानीय लोगों के सहयोग से वे एक साल तक अनेक बाधाओं के खिलाफ डटे रहे. हवाई संपर्क स्थापित करने और हवाई मार्ग से आपूर्ति, बंदूकें तथा गोला-बारूद पहुंचाने में भारतीय वायु सेना ने बेहद अहम भूमिका निभाई. ब्रिगेडियर प्रीतम ने न केवल शहर की हिफाजत की बल्कि तकरीबन 45,000 की आबादी का सहयोग और भरण-पोषण सुनिश्चित किया. उस अवधि के दौरान सेना और नागरिकों के बीच स्थापित मजबूत बंधन आज भी कायम है.
शालतेंग की जंग
(1947-48 जंग)
पश्तून कबायली मिलिशिया ने 22 अक्तूबर, 1947 को जम्मू एवं कश्मीर की रियासत की सीमा को पार किया और झेलम घाटी के साथ-साथ तेजी से आगे बढ़ी. हमलावरों को रोकने में असमर्थ महाराज हरि सिंह ने विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए और भारतीय सेना की पहली यूनिट 27 अक्तूबर को श्रीनगर में हवाई मार्ग से उतारी गई. 1 सिख के लेफ्टिनेंट कर्नल रंजीत राय और 4 कुमाऊं के मेजर सोमनाथ शर्मा के वीरतापूर्ण प्रयासों से हमलावरों को श्रीनगर हवाई क्षेत्र पर कब्जा करने से रोक दिया गया. वह भारतीय सैनिकों के आगमन और बढ़ोतरी के लिए बहुत अहम था. भारतीय सेना ने 7 नवंबर को श्रीनगर से करीब 15 किमी पश्चिम में शालतेंग में अपना पहला हमला किया. भारतीय वायु सेना के कारगर हवाई हमले की मदद से, पैदल सेना और बख्तरबंद गाड़ियों के साथ एक जोरदार आक्रमण करके हमलावरों को खदेड़ दिया गया. वे भाग खड़े हुए और भारतीय सेना ने उनका पीछा किया. एक सप्ताह के भीतर, उरी तक के इलाकों पर फिर से कब्जा कर लिया गया. कश्मीर घाटी मजबूती के साथ भारत के नियंत्रण में थी.
ऑपरेशन बाइसनः जोजिला पर टैंक
(1947-48 जंग)
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin January 04, 2023 sayısından alınmıştır.
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विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
अब शासन का माझी मंत्र
मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
होशियार! गठरी में लगे महा डिजिटल ढंग
अमूमन दूसरे देशों के ठिकानों से साइबर अपराधी नेटवर्क अब टेक्नोलॉजी और फंसाने के मनोवैज्ञानिक तरीकों से जाल बिछाकर और फर्जी पुलिस और प्रवर्तन अफसरों का वेश धरकर सीधे सरल लोगों की जीवन भर की जमा-पूंजी उड़ा ले जा रहे
कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
गुजरात के तटीय इलाके में मादक पदार्थों की तस्करी और शहरी इलाकों में लगातार बढ़ती प्रवासी आबादी की वजह से राज्य पुलिस पर दबाव खासा बढ़ गया है. ऐसे में उसे अधिक क्षमता की दरकार है. मगर बल में खासकर सीनियर अफसरों की भारी कमी है. इसका असर उसके मनोबल पर पड़ रहा है.
आग से निबटने के इंतजाम धुआं
झांसी मेडिकल कॉलेज में आग की चपेट में आने से 12 नवजात शिशुओं की मौत ने अस्पतालों के सुरक्षा प्रबंधों पर गंभीर सवाल खड़े किए
तकनीक के नए क्रांतिदूत
भारत धीरे-धीरे ही सही लेकिन दुनिया के लिए डिजिटल फैक्टरी की अपनी भूमिका से बाहर निकल रहा है.
ऐसे तो न चल पाएगा
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने हाल ही एक ऑनलाइन बैठक के दौरान पार्टी की बंगाल इकाई के नेताओं को आगाह किया कि वे उनकी (बंसल की) कुख्यात छवि को ध्यान में रखें.
बादल के संकट
खिरकार, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) आ के प्रमुख सुखबीर बादल को इस्तीफा देना ही पड़ा. करीब 16 साल तक बतौर अध्यक्ष पार्टी की कमान संभाले रहे पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री को पार्टी के भीतर गुटबाजी और सिख धर्मगुरुओं के बढ़ते दबाव के कारण पद छोड़ना पड़ा.
शादी का म्यूजिकल
फ़ाज़ा जलाली पृथ्वी थिएटर फेस्टिवल में इस बार भारतीय शादियों पर मजेदार म्यूजिकल कॉमेडी रनअवे ब्राइड्स लेकर हाजिर हुईं