पिछले कुछ चुनावों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का यूपी के सुदूर पश्चिमी जिले सहारनपुर से एक विशेष संयोग जुड़ा हुआ है. 2019 का लोकसभा चुनाव हो या 2022 का विधानसभा चुनाव, भाजपा ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत ह सहारनपुर से ही की और दोनों चुनावों में एकतरफा जीत हासिल की. इसी संयोग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने 24 अप्रैल को सहारनपुर से ही नगर निकाय चुनाव के लिए चुनावी अभियान की शुरुआत की. जिले के महाराज सिंह कॉलेज मैदान पर आयोजित चुनावी जनसभा में योगी ने मां शाकंभरी देवी को प्रणाम करके अपने संबोधन की शुरुआत की. हालांकि इस बार योगी का अंदाज कुछ बदला हुआ था. मुसलमानों पर तीखे बयान देने से बचते हुए योगी ने मुख्यमंत्री रहते हुए 12 बार सहारनपुर आने का जिक्र कर लोगों से भावनात्मक संबंध जोड़ने की भरपूर कोशिश की. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तैयार हो रहे समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और आजाद समाज पार्टी के जातीय त्रिकोण को भेदने के लिए योगी ने भाजपा सरकार की कानून व्यवस्था और विकास योजनाओं का डंका पीटा. मंच से गरजते हुए योगी बोले, 'दूसरी सरकारें सहारनपुर के युवाओं के हाथों में तमंचे थमाती थीं, भाजपा सरकार में युवा स्मार्ट टैबलेट प्रयोग में ला रहे हैं."
सहारनपुर से शामली होते हुए योगी अमरोहा जिले की चुनावी सभा में पहुंचे और यहां भी उनका अंदाज बदला हुआ था. योगी पहली बार मंच से भाजपा के मुस्लिम प्रत्याशियों के लिए वोट मांग रहे थे. कट्टर हिंदू नेता की छवि से इतर योगी आदित्यनाथ ने मंच पर साथ खड़े उझारी, जोया और नौगवां सादात के मुस्लिम उम्मीदवारों का बारी-बारी से नाम पुकारा और मौजूद जनता से उन्हें भारी मतों से जिताने की अपील की.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin May 10, 2023 sayısından alınmıştır.
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