![व्यापम 2.0 ? व्यापम 2.0 ?](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1690180806/articles/Ob6z217v91690192200920/1690192320234.jpg)
मामला ज्यादा बिगड़ने की एक वजह यह भी रही कि जिस एजेंसी ने परीक्षा आयोजित की थी वह कोई और नहीं बल्कि व्यापम व्यावसायिक परीक्षा मंडल है. इसका नाम 2013 में राज्य को हिलाकर रख देने वाले करोड़ों रुपए के नौकरी घोटाले में सामने आया था. अब इसका नाम बदलकर कर्मचारी चयन बोर्ड (ईएसबी) किया जा चुका है, हालांकि इस विवाद ने पुरानी यादों को फिर से ताजा तो कर दिया है.
ईएसबी ने 30 जून को ग्रुप-2 सबग्रुप-4 परीक्षा के नतीजे घोषित किए थे, जो 8, 617 अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए आयोजित एक सामान्य परीक्षा थी. इसमें 3,555 पटवारी शामिल थे. पटवारी राजस्व विभाग के वे कर्मचारी होते हैं जिनके जिम्मे मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में भूमि दस्तावेजों के प्रबंधन और जमीनों के नाप-जोख का काम होता है.
परीक्षा में कुल 13 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और इनमें से 9,50,000 ने परीक्षा दी. एक पखवाड़े बाद जब एक पारदर्शी पहल के तहत उत्तर पुस्तिका और दस्तावेज उपलब्ध कराए गए तो इस हंगामे की शुरुआत हुई. सरकारी भर्तियों पर नजर रखने वाले समूह राष्ट्रीय शिक्षित युवा संघ (एनईवाइयू) ने कथित गड़बड़ियों की तरफ ध्यान दिलाया. एनईवाइयू की कोर कमेटी के सदस्य रणजीत किसानवंशी ने दावा किया कि इस परीक्षा के 10 टॉपर में से आठ ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं और इनमें से सात ने यह परीक्षा ग्वालियर स्थित एनआरआइ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड मैनेजमेंट से दी है. यह कॉलेज भिंड से भाजपा विधायक संजीव कुशवाहा का है.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 02, 2023 sayısından alınmıştır.
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![पक्ष में सबसे ज्यादा योग पक्ष में सबसे ज्यादा योग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/1KjgoeYER1739797917636/1739798047739.jpg)
पक्ष में सबसे ज्यादा योग
आठ साल से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ ने लगातार 10वीं बार सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का दर्जा हासिल कर दर्शा दिया है कि देशभर में उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं
![अब पंजाब की पहरेदारी अब पंजाब की पहरेदारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/8XJdjA3wB1739796311485/1739796457045.jpg)
अब पंजाब की पहरेदारी
अरविंद केजरीवाल के लिए सवाल यह नहीं है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का भविष्य है या नहीं. उनके लिए प्रश्न यह है कि पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में एक आइडिया के रूप में प्रासंगिक रहेगी या नहीं. दिल्ली में पार्टी की हार के तीन दिन बाद 11 फरवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब के 95 में से 86 आप विधायकों के साथ उनकी आधे घंटे बैठक हुई. माना जाता है कि इसमें केजरीवाल ने बताया कि पार्टी के भविष्य को लेकर उनके मन में क्या है.
![चौकन्ना रहने की जरूरत चौकन्ना रहने की जरूरत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/EZZRCWmXZ1739798370280/1739798495822.jpg)
चौकन्ना रहने की जरूरत
आम तौर पर मोदी सरकार की विदेश नीति लोगों को पसंद आती है लेकिन कई लोगों का मानना है कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर भी लोग फिक्रमंद
![भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/3573rr2xc1739796211678/1739796309010.jpg)
भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 फरवरी को जब भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनका उत्साह हमेशा के मुकाबले एक अलग ही मुकाम पर था.
![विकास की कशमकश विकास की कशमकश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/NSBwWnhnm1739797282517/1739797660783.jpg)
विकास की कशमकश
एक ओर जहां कमजोर मांग, कम निवेश और दुनियाभर में अनिश्चितता की वजह से भारत की वृद्धि पर असर पड़ रहा है, वहीं आसमान छूती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी कर में मिली राहत को ढक रही है. इन सबकी वजह से आम आदमी का संघर्ष और आर्थिक परेशानियां बढ़ रहीं
![गठबंधन की गांठों ने बढ़ाया भ्रम गठबंधन की गांठों ने बढ़ाया भ्रम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/jvdculYrj1739797664522/1739797897191.jpg)
गठबंधन की गांठों ने बढ़ाया भ्रम
इंडिया ब्लॉक की आंतरिक कलह और चुनावी विफलताओं के बावजूद ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है जो चाहते हैं कि विपक्षी गठबंधन बना रहना चाहिए. भले ही इसकी एकजुटता और नेतृत्व को लेकर भ्रम बना हो, लोगों का मानना है कि एक मजबूत विपक्ष होना जरूरी है
![बीरेन की विदाई के बाद... बीरेन की विदाई के बाद...](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/THZ65mFEP1739796025880/1739796207250.jpg)
बीरेन की विदाई के बाद...
फरवरी की 13 तारीख की शाम को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा और चार दिन पहले मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले एन. बीरेन सिंह ने करीब-करीब इसी समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबी पोस्ट लिखी.
![धूम-धड़ाके के साथ वापसी धूम-धड़ाके के साथ वापसी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/l_7BeaTuF1739796459225/1739797267379.jpg)
धूम-धड़ाके के साथ वापसी
भाजपा ने 2024 के आम चुनावों में लगे झटके के बाद चुनावी लिहाज से अपनी स्थिति सुधारी और अकेले के बूते बहुमत हासिल कर लेने में सक्षम. मगर मोदी सरकार के लिए देश की अर्थव्यवस्था अब भी बनी हुई है चिंता की बड़ी वजह
![रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/V1y3fpEIW1739185336590/1739185578189.jpg)
रील के रसिक बनते भस्म-भभूत वाले तपस्वी
कहते हैं उपनिषदों का ज्वलंत ज्ञान सबके लिए नहीं है. वजहः यह बुद्धि मात्र की यानी सिर्फ बौद्धिक उपलब्धि नहीं बल्कि शरीर पर उसके निरंतर गहन अभ्यास से आप वहां तक पहुंचते हैं. लेकिन संगम में स्नान के लिए वे विभूतियां भी आती हैं जो तमाम सांसारिक आकर्षणों से दूर हो चुकी हैं.
![तगड़ा झटका तगड़ा झटका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1989944/UozqDkrAT1739181839176/1739182008378.jpg)
तगड़ा झटका
दरअसल, दंडकारण्य के घने जंगलों में, जहां पत्तों की हर सरसराहट के साथ शिकार और शिकारी के बीच की सीमा रेखाएं धुंधली पड़ जाती हैं, अभी-अभी वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ देश की लंबे वक्त से चल रही लड़ाई का एक नाटकीय अध्याय लिखा गया.