कौशल विकास
उद्योगों को मिलें हुनरमंद कामगार
बदलते औद्योगिक क्षेत्रों की मांग को पूरा करने के लिए बिल्कुल नए प्रकार के कौशल हासिल करने की जरूरत है. भारत अपनी वर्क फोर्स के कौशल विकास के मामले में पीछे है. अगर देश को अपनी आबादी का लाभ हासिल करना है तो युवाओं को तेजी से कुशल बनाना होगा
भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने के लिए अपना पूरा जोर लगा रहा है. ऐसे में देश की जनशक्ति का कुशल या हुनरमंद होना कई गुना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. विभिन्न अनुमानों से पता चलता है कि 2030 तक कौशल सुधार में निवेश से वैश्विक अर्थव्यवस्था को 65 खरब डॉलर और भारत की अर्थव्यवस्था को 570 अरब डॉलर (46,76,850 करोड़ रुपए) तक बढ़ाया जा सकता है. यही वजह है कि गरीबी मिटाने में कौशल विकास एक महत्वपूर्ण घटक है. धरती को बचाने और सभी के लिए शांति एवं समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए 2016 में शुरू की गई संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक पहल जिसे सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के नाम से जाना जाता है.
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Bu hikaye India Today Hindi dergisinin August 30, 2023 sayısından alınmıştır.
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सबसे अहम शांति
देवदत्त पटनायक अपनी नई किताब अहिंसाः 100 रिफ्लेक्शन्स ऑन द सिविलाइजेशन में हड़प्पा सभ्यता का वैकल्पिक नजरिया पेश कर रहे हैं
एक गुलदस्ता 2025 का
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मौन सुधारक
आर्थिक उदारीकरण के देश में सूत्रधार, 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर
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ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे
स्थानीयकरण से नवाचार तक... चार्जिंग की दुश्वारियां दूर करना, बैटरी तकनीक बेहतर करना और बिक्री के बाद की सेवाएं बेहतर करना ही इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को मजबूत करने का मूल मंत्र है
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टकराव की नई राहें
हिंदू-मुस्लिम दोफाड़ अब भी जबरदस्त राजनैतिक संदर्भ बिंदु है. अपने दम पर बहुमत पाने में भाजपा की नाकामी से भी सांप्रदायिक लफ्फाजी शांत नहीं हुई, मगर हिंदुत्व के कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ आरएसएस की प्रतिक्रिया अच्छा संकेत
महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए उचित माहौल
यह पहल अगर इस साल शुरु कर दें तो हम देख पाएंगे कि एक महिला किस तरह से देश की आर्थिक किस्मत बदल सकती है