!["हां, मोदी ने फोन कर रुकवाया युद्ध" "हां, मोदी ने फोन कर रुकवाया युद्ध"](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1710742464/articles/TqBbDOYr31710761751287/1710762288296.jpg)
इस एक वाक्य में सुब्रह्मण्यम जयशंकर 40 साल से लंबे राजनयिक जीवन, और फिर मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अपनी भूमिका, दोनों को बांध देते हैं. साउथ ब्लॉक स्थि विदेश मंत्रालय के कमरा नं 72 में लगी अजंता एलोरा की तस्वीरें जानती हैं कि जयशंकर जैसा विदेश मंत्री पहले नहीं हुआ. मोदी सरकार में जिन लोगों को उनकी तकनीकी दक्षता को देखते हुए लाया गया, उनमें जयशंकर सबसे ऊंचे पायदान पर हैं.
मोदी सरकार में कई लोग हैं, जिन्होंने मनमोहन सिंह के साथ भी काम किया. लेकिन जयशंकर जैसे कम ही हैं, जो उस दौर के अपने फैसलों के साथ मजबूती से खड़े नजर आ हैं. वे मुक्त कंठ से कहते हैं कि मनमोहन सिंह की न्यूक्लियर डील देश के हित में थी. सरकार में अपनी जगह को लेकर वे आश्वस्त नजर आते हैं. किसी सवाल का जवाब देने से कतराते नहीं. रूस-यूक्रेन, इज्राएल - फलस्तीन, निज्जर - पन्नू विवाद, लद्दाख में चीनी घुसपैठ, मालदीव के साथ संबंधों में पैदा हुई असहजता और जी20 में फिजूलखर्ची के इल्जाम. लेकिन जैसा कि वे बताते हैं, राजनयिक जानते हैं कि कब जलेबी बनानी है और कब सीधे पॉइंट पर आना है.
दी लल्लनटॉप के पॉलिटिकल इंटरव्यूज की सीरीज जमघट के लिए इंडिया टुडे और दी लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी ने विदेश मंत्री से लंबी बातचीत की, जो बताती है कि क्यों शांत-से लगने वाले जयशंकर विदेश नीति के मामले में मोदी के सबसे विश्वस्त सिपहसालार हैं. संपादित अंश.
• आप नरेंद्र मोदी से पहली बार कब मिले?
2011 में वे बहैसियत गुजरात सीएम चीन आए थे. मैं चीन में भारत का राजदूत था. उनकी तैयारी से मैं बहुत प्रभावित था. औपचारिक ब्रीफिंग के बाद वे मुझसे अलग से मिले. कहा कि चीन के साथ हमारा रिश्ता संवेदनशील है, मैं कोई ऐसी चीज नहीं कहना चाहता जो हमारी नेशनल पॉलिसी से जरा भी अलग हो. तो मुझे कुछ चीजें समझा दीजिए. अगली बार हम जून, 2014 में मिले. मैं अमेरिका में राजदूत था और वे प्रधानमंत्री बन चुके थे. उन्होंने अपने अमेरिका दौरे की तैयारी का काम दिया. इसका परिणाम सितंबर, 2014 में मैडिसन स्क्वैयर गार्डन की रैली में दिखा.
• आपको कब मालूम चला कि आप देश के विदेश मंत्री बनने वाले हैं?
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin March 27, 2024 sayısından alınmıştır.
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![तन्हाई में तारों से बातें तन्हाई में तारों से बातें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/KkYi-s4Uf1739799502351/1739799613388.jpg)
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पूर्वा नरेश ने दोस्तोएव्स्की की कहानी व्हाइट नाइट्स के अपने म्यूजिकल रूपांतरण चांदनी रातें में नौटंकी शैली का उपयोग किया
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विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश और पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वालीं तीरअंदाज शीतल देवी लोगों की नई पसंद हैं. पुरुष-महिला क्रिकेटर तो खैर शीर्ष पर हैं ही. सिंधु और नीरज भी अपनी सूची में दूसरों से काफी आगे रहते हुए चोटी पर
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आठ साल से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ ने लगातार 10वीं बार सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का दर्जा हासिल कर दर्शा दिया है कि देशभर में उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं
![कुछ तो पक रहा है कुछ तो पक रहा है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LTVA_wBh-1739799397242/1739799499364.jpg)
कुछ तो पक रहा है
अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा ने फिल्म मिसेज में दमदार काम किया है, जो 2021 की मलयालम फिल्म द ग्रेट इंडियन किचन की हिंदी रीमेक है
![अब पंजाब की पहरेदारी अब पंजाब की पहरेदारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/8XJdjA3wB1739796311485/1739796457045.jpg)
अब पंजाब की पहरेदारी
अरविंद केजरीवाल के लिए सवाल यह नहीं है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का भविष्य है या नहीं. उनके लिए प्रश्न यह है कि पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में एक आइडिया के रूप में प्रासंगिक रहेगी या नहीं. दिल्ली में पार्टी की हार के तीन दिन बाद 11 फरवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब के 95 में से 86 आप विधायकों के साथ उनकी आधे घंटे बैठक हुई. माना जाता है कि इसमें केजरीवाल ने बताया कि पार्टी के भविष्य को लेकर उनके मन में क्या है.
![चौकन्ना रहने की जरूरत चौकन्ना रहने की जरूरत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/EZZRCWmXZ1739798370280/1739798495822.jpg)
चौकन्ना रहने की जरूरत
आम तौर पर मोदी सरकार की विदेश नीति लोगों को पसंद आती है लेकिन कई लोगों का मानना है कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर भी लोग फिक्रमंद
![हमारे गेहुंएपन का स्वीकार हमारे गेहुंएपन का स्वीकार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LlGFceKe51739799217629/1739799396270.jpg)
हमारे गेहुंएपन का स्वीकार
एक मजहब का धर्म रु चुनने की प्रक्रिया के बहाने हमें सहिष्णुता और स्वीकार के सार्वभौमिक धर्म की सीख दे जाती है एडवर्ड बर्गर की कॉन्क्लेव
![भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/3573rr2xc1739796211678/1739796309010.jpg)
भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 फरवरी को जब भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनका उत्साह हमेशा के मुकाबले एक अलग ही मुकाम पर था.
![विकास की कशमकश विकास की कशमकश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/NSBwWnhnm1739797282517/1739797660783.jpg)
विकास की कशमकश
एक ओर जहां कमजोर मांग, कम निवेश और दुनियाभर में अनिश्चितता की वजह से भारत की वृद्धि पर असर पड़ रहा है, वहीं आसमान छूती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी कर में मिली राहत को ढक रही है. इन सबकी वजह से आम आदमी का संघर्ष और आर्थिक परेशानियां बढ़ रहीं
![उथल-पुथल का आलम उथल-पुथल का आलम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/R77_jKKQS1739798498314/1739798692561.jpg)
उथल-पुथल का आलम
सामाजिक-राजनैतिक सुधारों के लिए सरकार को मजबूत समर्थन मिल रहा मगर लोकतंत्र, धार्मिक ध्रुवीकरण और महिला सुरक्षा को लेकर चल रही खदबदाहट से इससे जुड़ी चिंताएं उजागर