केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी अब तक 400 से ज्यादा लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. अधिकतर राज्यों में मोटे तौर पर मौजूदा सांसदों को फिर से टिकट दिए गए हैं. पर दिल्ली और छत्तीसगढ़ इस मामले में अपवाद दिखते हैं. दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से छह पर पार्टी ने उम्मीदवार बदल दिए हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद, भोजपुरी गायक-अभिनेता मनोज तिवारी ही टिकट बचा पाए. जिनके टिकट कटे उनमें गौतम गंभीर और हंसराज हंस 2019 में पहली बार सांसद बने थे. फिर भी उन्हें यहां मौका नहीं दिया गया. अब दिल्ली प्रदेश भाजपा के अंदर यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि बिल्कुल नए उम्मीदवारों को उतारने की रणनीति जमीनी स्तर पर भाजपा के लिए चुनौती बन रही है.
दिल्ली की सातों सीटों पर 25 मई को चुनाव होना है. भाजपा ने यहां उम्मीदवारों का ऐलान करीब ढाई महीने पहले कर दिया. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में सभी सातों सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलग-अलग लड़ रही थीं. इस बार दोनों में गठबंधन हो गया है. आप को चार और कांग्रेस के खाते में तीन सीटें आई हैं. आप ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं जबकि कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा बाकी है.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin April 24, 2024 sayısından alınmıştır.
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