केवल एक ऐसा मजबूत नेता ही अपनी पार्टी के भीतर प्रतिद्वंद्वियों के बीच मतभेदों को पाट सकता है, जिसका रौब-दाब हो और जिसका आदर भी किया जाता हो. यह 10 मई को पश्चिम बंगाल की बैरकपुर लोकसभा सीट के नैहाटी विधानसभा क्षेत्र में साफ नजर आया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रचार अभियान की अगुआई कर रहे वाहन में बैरकपुर के उम्मीदवार अर्जुन सिंह और पार्टी की पश्चिम बंगाल महिला मोर्चे की प्रमुख फाल्गुनी पात्रा भी मौजूद थीं. दरअसल, पात्रा बैरकपुर की रहने वाली हैं और सिंह को पार्टी की लोकसभा उम्मीदवारी मिलने से पहले वे अपनी उम्मीदवारी जता रही थीं. सिंह ने 2019 में भाजपा के लिए यह लोकसभा सीट जीती थी, मगर फिर वे 2022 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तृणमूल के उम्मीदवारों की सूची से उन्हें हटा दिए जाने के बाद वे भगवा खेमे में लौट आए और उन्हें भाजपा से टिकट भी मिल गया. जाहिर है, यह पात्रा को पसंद नहीं आया. मगर जिस शख्स दोनों को जोड़ते हुए एकीकृत मोर्चा तैयार करने के लिए प्रेरित किया, वे उसी कार में सवार थे. वे थे नेता विपक्ष और भाजपा के बड़े चेहरे सुवेंदु अधिकारी. उन्होंने पात्रा को भीड़ के बीच देखा और फिर उन्हें गाड़ी में चढ़ने के लिए कहा.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin May 29, 2024 sayısından alınmıştır.
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.