जो छत्तीसगढ़ का नहीं है, वह पिछले तीन लोकसभा चुनाव के नतीजों से राज्य में राजनैतिक स्थिरता की बात कहेगा, जहां उत्तर प्रदेश जैसी उथल-पुथल नहीं देखी गई. उत्तर प्रदेश में जहां 2019 में 80 में से 64 सीटें (50.76 की वोट हिस्सेदारी के साथ) जीतने वाली सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की 2024 में 33 सीटें (वोट प्रतिशत 41.37) रह गईं और वह 37 सीटें जीतने वाली समाजवादी पार्टी से पिछड़ गई.
इसकी तुलना में छत्तीसगढ़ में भाजपा 2014 में 11 में से 10 सीट जीती थीं और एक कांग्रेस से हारी थी. 2019 में उसने (कांग्रेस की दो सीटों की तुलना में) 9 सीटें हासिल कीं और इस साल भी उसने कांग्रेस की 1 सीट के मुकाबले अपना आंकड़ा फिर से 10 का कर लिया. पिछले एक दशक में दोनों मुख्य प्रतिद्वंद्वी दलों के बीच वोट हिस्सेदारी में अंतर एक जैसी करीब 10 फीसद रहा है. हालांकि जमीनी स्तर पर राजनैतिक पर्यवेक्षकों को हाल में हुआ चुनाव एक अलग ही स्वरूप दिखाता है.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin 19th June, 2024 sayısından alınmıştır.
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