मानवीय जुड़ाव
India Today Hindi|July 03, 2024
फील्ड वर्क और किताबी सीख से आगे बढ़कर मिलने वाला अनुभव टी आइएसएस के स्नातकों को किसी भी हालात में ढलने और उसका सामना करने का आत्मविश्वास देता है
सुहानी सिंह
मानवीय जुड़ाव

रअसल, मुंबई के देवनार में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआइएसएस) का हरा-भरा परिसर व्यस्त महानगर की हलचल से राहत पाने की जगह है. मगर यह प्रतिष्ठित संस्थान परिसर के बाहर दी गई शिक्षा पर सबसे ज्यादा गर्व करता है. इसके स्कूल ऑफ सोशल वर्क (एसएसडब्ल्यू) में 16 फील्ड ऐक्शन प्रोजेक्ट हैं, जिनमें छात्र सरकार, गैर-सरकारी संस्थान और समुदायों के साथ मिलकर काम करते हैं. बीते साल इन कार्यक्रमों का 45,000 लोगों पर प्रभाव पड़ा और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने इसे बेस्ट सोशली रिस्पॉन्सिबल इंस्टीट्यूशन का पुरस्कार दिया. टी आइएसएस के छात्रों का कहना है कि यही अनुभव उन्हें किसी भी परिस्थिति के मुताबिक ढलने का आत्मविश्वास देता है.

एसएसडब्ल्यू के डीन डॉ. बिपिन जोजो कहते हैं कि "समुदाय की जरूरतों का प्रत्युत्तर देने के लिए सक्षम और प्रतिबद्ध पेशेवरों को तैयार करने" के लिए अकादमिक कार्यक्रमों में नवाचार और समुदाय के साथ भागीदारी प्रमुख पहलें हैं. दरअसल, यहां पढ़ाई केवल किताबों से सीखने तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय सरीखे विचारों को समझने के लिए फिल्में और डॉक्युमेंट्री देखना, और पिछले साल आयोजित दो सम्मेलनों-क्रमशः सोशल वर्क रिसर्च और सामाजिक शिक्षा के रूप में फील्ड वर्क-सरीखे सम्मेलनों में शामिल होना भी इसके दायरे में आता है. असल में, केवल इसके परिसर की समृद्ध जैवविविधता ही नहीं बल्कि इसके छात्रों की सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि भी टीआइएसएस को दूसरों से अलग करती है.

यह दूसरों से अलग कैसे है?

एमएसडब्ल्यू डिग्री देने वाले कॉलेजों की तरफ से किए गए सीएसआर कामों की संख्या के मामले में टीआइएसएस, मुंबई को पहली रैंक दी गई है

टी आइएसएस ने 4 में से 3.9 का एनएएसी (नैक) सीजीपीए स्कोर हासिल किया

पिछले साल कॉलेज को 11.26 करोड़ रुपए का शोध और परामर्श कार्य दिया गया, जो सोशल वर्क में मास्टर्स की पेशकश करने वाले कॉलेजों में सबसे ज्यादा था

छात्रों को दिया गया औसत वार्षिक वेतन (घरेलू) 6.4 लाख रुपए था, और यह एमएसडब्ल्यू की डिग्री देने वाले कॉलेजों में सबसे ज्यादा था

Bu hikaye India Today Hindi dergisinin July 03, 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye India Today Hindi dergisinin July 03, 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

INDIA TODAY HINDI DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
लीक से हटकर
India Today Hindi

लीक से हटकर

मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे

time-read
4 dak  |
January 01, 2025
खूबसूरत काया का जलवा
India Today Hindi

खूबसूरत काया का जलवा

भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया

time-read
3 dak  |
January 01, 2025
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
India Today Hindi

खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना

शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है

time-read
3 dak  |
January 01, 2025
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
India Today Hindi

छलकने लगे मस्ती भरे दिन

यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं

time-read
3 dak  |
January 01, 2025
डिस्को का देसी अंदाज
India Today Hindi

डिस्को का देसी अंदाज

घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया

time-read
4 dak  |
January 01, 2025
जिस लीग ने बनाई नई लीक
India Today Hindi

जिस लीग ने बनाई नई लीक

लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है

time-read
2 dak  |
January 01, 2025
आनंद की विरासत
India Today Hindi

आनंद की विरासत

विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है

time-read
3 dak  |
January 01, 2025
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
India Today Hindi

जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन

सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल

time-read
2 dak  |
January 01, 2025
जब मौन बन गया उद्घोष
India Today Hindi

जब मौन बन गया उद्घोष

एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।

time-read
2 dak  |
January 01, 2025
बताने को मजबूर हुए बाबू
India Today Hindi

बताने को मजबूर हुए बाबू

जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई

time-read
3 dak  |
January 01, 2025