समझदारी से कैसे चुनें विश्वविद्यालय
India Today Hindi|August 07, 2024
पहले माता-पिता से एक बात अपने को शांत रखें. इस मामले में न पड़ें. छात्र को अगुआई करने दें. प्री-स्कूल और स्कूल के 15 साल के दौरान आपने कमान संभाली. उनकी जड़ें रोपीं. वह पूरी जिंदगी उनकी बुनियाद रहेगी. अब उनके उड़ान भरने का समय है. कॉलेज जाना अहम दस्तूर है. उन्हें यह अपने दम पर करने की स्वायत्तता दें.
मोहन कृष्णन
समझदारी से कैसे चुनें विश्वविद्यालय

आप सुरक्षा जाल हैं. साउंडिंग बोर्ड हैं, यानी उनके सुझाए विचारों पर आपकी प्रतिक्रिया उन्हें कामयाबी की राह दिखा सकती है. लेकिन अब फैसला लेना आपके हाथ में नहीं रह गया है. तो नौजवानों, यहां कुछ अप्रिय सच्चाइयां पेश हैं. बोर्ड की परीक्षाओं में हासिल अंकों के मुताबिक आपने उपलब्ध कॉलेज चुन लिए हैं. इस मुगालते में न रहें कि आपके अंक आइटीआइ के स्तर के हैं, तो आइआइटी में दाखिला मिल जाएगा.

हां, कुछ निजी और डीम्ड विश्वविद्यालय अंकों के मामले में कम सख्त हैं. वे पाठ्येतर गतिविधियों को और प्रवेश परीक्षाओं, समूह चर्चाओं और इंटरव्यू में आपके प्रदर्शन को ज्यादा वजन देते हैं. आप मानते हैं कि आपके अंक पूरी कहानी बयान नहीं करते, तो ऐसी संस्थाओं की तलाश करें जो ज्यादा व्यापक और उदार नजरिया अपनाने को तैयार हों.

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लीक से हटकर
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खूबसूरत काया का जलवा
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छलकने लगे मस्ती भरे दिन
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यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं

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डिस्को का देसी अंदाज
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जिस लीग ने बनाई नई लीक
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लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है

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विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है

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