पडोसियों से भारत क्यों पसोपेश में
India Today Hindi|August 21, 2024
हर ओर उथल-पुथल के मद्देनजर भारत को अपनी पड़ोस प्रथम की नीति पर नए सिरे से विचार की दरकार, वरना कहीं ऐसा न हो कि चीन फायदा उठाकर अपनी पैठ मजबूत कर ले
राज चगप्पा
पडोसियों से भारत क्यों पसोपेश में

दक्षिण एशिया में सत्ता लगातार बंदूक की नली या तानाशाह के जैकबूट से नहीं, बल्कि उसके जनसमूहों के विशाल जत्थों से निकलती रही है. जरा आसपास देखिए, म्यांमार में मिन आँग लाइंग की अगुआई वाला सत्ताधारी सैन्यगुट, जिसने आँग सान सू की की लोकतांत्रिक ढंग से चुनी सरकार को 2021 में बर्खास्त कर दिया था, आज खूनी गृह युद्ध का सामना कर रहा है, जिसमें विद्रोहियों ने उसके आधे भूभाग पर कब्जा कर लिया है. श्रीलंका में ताकतवर राजपक्षे भाई, गोटाबाया और महिंदा, जिन्होंने क्रमशः राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रहते इस द्वीप राष्ट्र को अपनी पारिवारिक जागीर की तरह चलाया, 2022 में अत्यधिक महंगाई और कम आमदनी की वजह से जनविद्रोह के बाद सुरक्षित जगह पर भागने को मजबूर हुए. फिर 2023 में पाकिस्तानी फौज ने अकल्पनीय घटता देखा, जब अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी का विरोध कर रही भीड़ दनदनाते हुए लाहौर कोर कमांडर के घर में घुस गई और रावलपिंडी में फौजी मुख्यालय तक पर हमला बोल दिया. अभी पिछले ही हफ्ते यह शेख हसीना थीं, जिन्होंने हाल ही में बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के पद पर रिकॉर्ड 20 साल पूरे किए थे (हालांकि लगातार नहीं) और सोचती थीं कि वे अपराजेय हैं, उन्हें जनाक्रोश का दंश झेलना पड़ा जब छात्रों के छोटे-मोटे विरोध प्रदर्शन के रूप में शुरू हुआ आंदोलन देखते ही देखते इस कदर विराट जनविद्रोह में फट पड़ा कि सेना के हेलिकॉप्टर में सवार होकर भारत भागने के लिए हसीना को महज 45 मिनट मिले.

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परदेस में परचम
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परदेस में परचम

भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.

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November 13, 2024
भारत का विशाल कला मंच
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सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.

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November 13, 2024
सपनों के सौदागर
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हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.

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November 13, 2024
पासा पलटने वाले महारथी
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दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.

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November 13, 2024
गुरु और गाइड
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गुरु और गाइड

अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.

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November 13, 2024
निडर नवाचारी
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निडर नवाचारी

खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.

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November 13, 2024
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
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अलहदा और असाधारण शख्सियतें

किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.

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November 13, 2024
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
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अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे

महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.

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November 13, 2024
बोर्डरूम के बादशाह
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बोर्डरूम के बादशाह

ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.

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November 13, 2024
देश के फौलादी कवच
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देश के फौलादी कवच

लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.

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November 13, 2024