इसमें कपड़े, जूते, घरेलू उपकरण, साज-सज्जा, गैजेट, पर्चे-पोस्टर जैसे खुदरा व्यापार वगैरह का 33,000 करोड़ रुपए का योगदान था. इन आंकड़ों को देखकर खरीदारी के जिस जोश का पता चलता है, उसकी जगह अब उदासीनता ने ले ली है. इस उदासीनता का सबब वह गमगीन माहौल है जो 9 अगस्त को आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के बाद लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण राज्य में फैल गया है. इसी माहौल में 9 सितंबर को एक टेलीविजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों से 'उत्सवधर्मिता पर लौटने' का आग्रह किया, जिसने आक्रोश की एक लहर को जन्म दिया. वैसे स्वतःस्फूर्त विरोध प्रदर्शनों के केंद्र कोलकाता में उदासीनता और चिंता का माहौल सबसे ज्यादा नजर आता है. शहर के तीन बड़े शॉपिंग क्षेत्रों गरियाहाट, न्यू मार्केट और हातीबागान में बिक्री में बेहिसाब गिरावट आई है. अपने अंदर झांककर देखने का प्रचलित मिजाज सोशल मीडिया और स्ट्रीट कैम्पेन की ओर लेकर गया. लोगों से अपनी उत्सवधर्मिता को नियंत्रित करने के आह्वान ने पूजा से जुड़ी अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया, जिस पर ढेर सारे लोगों की आजीविका निर्भर करती है. इस वर्ष दुर्गा पूजा का आयोजन 9 से 12 अक्तूबर के बीच किया जाएगा.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin October 09, 2024 sayısından alınmıştır.
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