![आग से निबटने के इंतजाम धुआं आग से निबटने के इंतजाम धुआं](https://cdn.magzter.com/India Today Hindi/1732531788/articles/rildjq1Mf1732606645031/1732611653936.jpg)
पिछले साल 18 दिसंबर की घटना है. लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के एंडोक्राइन सर्जरी के ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टर मरीजों के ऑपरेशन में मसरूफ थे. दोपहर करीब एक बजे ओटी के मॉनिटर में स्पार्किंग से आग लग गई. ओटी में धुआं भरने लगा तो पीलीभीत की तैयबा की सर्जरी बीच में ही रोककर आननफानन में दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा. इस बीच तैयबा की मौत हो गई. इसी दौरान बगल में सीबीटीएस की ओटी में भी धुआं भर गया. गाजीपुर की रहने वाली नेहा के बच्चे की दिल की सर्जरी चल रही थी. ऑपरेशन बीच में छोड़ दूसरी जगह शिफ्ट करने के प्रयास में बच्चे की भी मौत हो गई.
पीजीआइ जैसे प्रदेश के सबसे सुरक्षित अस्पताल में आग से दो मरीजों की मौत ने सरकारी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे. देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप-मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री ब्रजेश पाठक समेत अन्य अधिकारियों की बैठक बुलाई. बाद में पाठक ने सभी मेडिकल कॉलेजों, सरकारी अस्पतालों और ऑपरेशन थिएटरों का फायर सेफ्टी ऑडिट करने के आदेश जारी कर दिए.
सेफ्टी ऑडिट का आदेश जारी कर आगे की कार्रवाई भूल जाने के सबब ने झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में नवजातों को मौत के मुंह में ढकेल दिया. मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड (एनआइसीयू) में 55 नवजात भर्ती थे. 15 नवंबर की रात पौने ग्यारह बजे तीमारदारों ने वार्ड से धुआं निकलते देखा. उन्होंने शोर मचाया लेकिन जब तक लोग समझ पाते, आग की लपटें उठने लगीं. दरवाजे पर आग की लपटें होने की वजह से नवजातों को बाहर नहीं निकाला जा सका. दमकल की गाड़ियों के पहुंचने पर काफी मशक्कत के बाद शिशुओं को बाहर निकाला गया लेकिन तब तक 10 नवजात दुनिया छोड़ चुके थे. बाद में दो और नवजातों ने दम तोड़ दिया. अभी भी कई शिशुओं की हालत गंभीर बनी हुई है. एनआइसीयू में भर्ती बच्चों का मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी, जिला महिला अस्पताल और निजी अस्पतालों में उपचार चल रहा है. घटना की जानकारी मिलते ही योगी ने पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा पार्थसारथी सेन शर्मा को तुंरत झांसी पहुंचने का निर्देश दिया. आग के कारणों की जांच के लिए योगी ने त्रिस्तरीय जांच कमेटी का गठन भी कर दिया.
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin December 04, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye India Today Hindi dergisinin December 04, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
![तन्हाई में तारों से बातें तन्हाई में तारों से बातें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/KkYi-s4Uf1739799502351/1739799613388.jpg)
तन्हाई में तारों से बातें
पूर्वा नरेश ने दोस्तोएव्स्की की कहानी व्हाइट नाइट्स के अपने म्यूजिकल रूपांतरण चांदनी रातें में नौटंकी शैली का उपयोग किया
![धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/qNiEvMoj_1739798778622/1739799025940.jpg)
धुरंधरों के साथ नए चेहरे भी
विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश और पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वालीं तीरअंदाज शीतल देवी लोगों की नई पसंद हैं. पुरुष-महिला क्रिकेटर तो खैर शीर्ष पर हैं ही. सिंधु और नीरज भी अपनी सूची में दूसरों से काफी आगे रहते हुए चोटी पर
![पक्ष में सबसे ज्यादा योग पक्ष में सबसे ज्यादा योग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/1KjgoeYER1739797917636/1739798047739.jpg)
पक्ष में सबसे ज्यादा योग
आठ साल से उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज योगी आदित्यनाथ ने लगातार 10वीं बार सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री का दर्जा हासिल कर दर्शा दिया है कि देशभर में उनकी लोकप्रियता का कोई सानी नहीं
![कुछ तो पक रहा है कुछ तो पक रहा है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LTVA_wBh-1739799397242/1739799499364.jpg)
कुछ तो पक रहा है
अभिनेत्री सान्या मल्होत्रा ने फिल्म मिसेज में दमदार काम किया है, जो 2021 की मलयालम फिल्म द ग्रेट इंडियन किचन की हिंदी रीमेक है
![अब पंजाब की पहरेदारी अब पंजाब की पहरेदारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/8XJdjA3wB1739796311485/1739796457045.jpg)
अब पंजाब की पहरेदारी
अरविंद केजरीवाल के लिए सवाल यह नहीं है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) का भविष्य है या नहीं. उनके लिए प्रश्न यह है कि पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में एक आइडिया के रूप में प्रासंगिक रहेगी या नहीं. दिल्ली में पार्टी की हार के तीन दिन बाद 11 फरवरी को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब के 95 में से 86 आप विधायकों के साथ उनकी आधे घंटे बैठक हुई. माना जाता है कि इसमें केजरीवाल ने बताया कि पार्टी के भविष्य को लेकर उनके मन में क्या है.
![चौकन्ना रहने की जरूरत चौकन्ना रहने की जरूरत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/EZZRCWmXZ1739798370280/1739798495822.jpg)
चौकन्ना रहने की जरूरत
आम तौर पर मोदी सरकार की विदेश नीति लोगों को पसंद आती है लेकिन कई लोगों का मानना है कि पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते खराब हुए हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर भी लोग फिक्रमंद
![हमारे गेहुंएपन का स्वीकार हमारे गेहुंएपन का स्वीकार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/LlGFceKe51739799217629/1739799396270.jpg)
हमारे गेहुंएपन का स्वीकार
एक मजहब का धर्म रु चुनने की प्रक्रिया के बहाने हमें सहिष्णुता और स्वीकार के सार्वभौमिक धर्म की सीख दे जाती है एडवर्ड बर्गर की कॉन्क्लेव
![भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/3573rr2xc1739796211678/1739796309010.jpg)
भाजपा ने ऐसे जीता दिल्ली का दुर्ग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 फरवरी को जब भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तो उनका उत्साह हमेशा के मुकाबले एक अलग ही मुकाम पर था.
![विकास की कशमकश विकास की कशमकश](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/NSBwWnhnm1739797282517/1739797660783.jpg)
विकास की कशमकश
एक ओर जहां कमजोर मांग, कम निवेश और दुनियाभर में अनिश्चितता की वजह से भारत की वृद्धि पर असर पड़ रहा है, वहीं आसमान छूती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी कर में मिली राहत को ढक रही है. इन सबकी वजह से आम आदमी का संघर्ष और आर्थिक परेशानियां बढ़ रहीं
![उथल-पुथल का आलम उथल-पुथल का आलम](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/182/1997604/R77_jKKQS1739798498314/1739798692561.jpg)
उथल-पुथल का आलम
सामाजिक-राजनैतिक सुधारों के लिए सरकार को मजबूत समर्थन मिल रहा मगर लोकतंत्र, धार्मिक ध्रुवीकरण और महिला सुरक्षा को लेकर चल रही खदबदाहट से इससे जुड़ी चिंताएं उजागर