सरकार के मुताबिक पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की निरन्तर बढ़ रही घटनाओं के कारण दिल्ली-एनसीआर तथा पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, जिससे स्मॉग (कोहरे और धुएं का ऐसा मिश्रण, जिसमें बहुत खतरनाक जहरीले कण मिश्रित होते हैं) की परत छाने के साथ-साथ लोगों को आंखों में जलन तथा सांस लेने में परेशानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हाल के दिनों में दिल्ली-एनसीआर को देश के सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र के रूप में दर्ज किया जा रहा है। इसी कारण चिकित्सक अब सांस के मरीजों को विशेष तौर पर सतर्क रहने की हिदायत देते हुए सुबह के समय बुजुर्गों व बच्चों को बाहर न जाने की सलाह भी देने लगे हैं। एनसीआर के कई इलाकों में तो प्रदूषण का स्तर 450 के पार दर्ज हो रहा है। एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए केन्द्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा ग्रेप का तीसरा चरण लागू किया जा चुका है, जिसके तहत सभी निर्माण कार्य, तोड़फोड़, ईंट-भट्ठे व हॉट मिक्स प्लांट इत्यादि के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है और लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन और साइकिल का इस्तेमाल करें। सरकारी सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में अभी अगले कुछ दिनों तक एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 400 से भी ज्यादा रह सकता है। हालांकि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है।
Bu hikaye Open Eye News dergisinin November 2022 sayısından alınmıştır.
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