वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव करके सभी प्रकार की अटकलों पर विराम लगा दिया गया। आदिवासी समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली आदरणीय द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति बनाने का लाभ भाजपा को छत्तीसगढ़ में मिला और वहां की आदिवासी बहुल क्षेत्रों की अधिकांश सीटों पर भाजपा को विजयश्री प्राप्त हुई। सबसे बड़ी बात यह है कि आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़ में राज्य का गठन होने के बाद से एक आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग की जा रही थी जिसे अब भाजपा ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाकर पूरा कर दिया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आदिवासी हैं और किसान परिवार से हैं। वह कुनकुरी विधानसभा सीट से जीते हैं वहीं वह 1999 से 2014 तक रायगढ़ लोकसभा सीट से सांसद भी रहे। वह पूर्व में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने जनता से अपील की थी कि आप साय को जितायें तो हम उन्हें बड़ा आदमी बना देंगे। अब साय मुख्यमंत्री बन गये हैं। यदि समग्र दृष्टि डाली जाये तो यह पता चलता है कि बिना किसी चेहरे को आगे किये चुनाव लड़ रही भाजपा ने प्रचार के दौरान ही यह तय कर लिया था कि अगर सरकार बनती है वह राज्य की कमान किसे सौंपेगी। साय का नाम भी किसी टीवी चैनल की डिबेट में नहीं चल रहा था। यहां पर भाजपा ने बिना किसी विशेष तैयारी के चुनाव लड़ा फिर भी शानदार विजय प्राप्त की और चुनावों के बाद रमन सिंह के प्रभाव से मुक्ति भी पा ली है हालांकि भाजपा ने रमन सिंह को दरकिनार नहीं किया है और उन्हें विधानसभा अध्यक्ष जैसा पद देकर उनका सम्मान बनाए रखा है। दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि साय का परिवार संघ से जुड़ा रहा है। उनके पिता और दादा भी संघ के स्वयंसेवक रहे हैं तथा राम मंदिर आंदोलन के आरंभिक दिनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Bu hikaye Open Eye News dergisinin December 2023 sayısından alınmıştır.
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