उसके हिस्से की धूप और चितकोबरा में उन्होंने नारी मन को परतदर-परत अलग ढंग से खोला। परिवार में साहित्यिक रुचियों ने न सिर्फ उन्हें, बल्कि उनकी दो और बहनों को भी साहित्य की दुनिया में चमकता हुआ नाम बनाया। उनकी बहनें मंजुल भगत और अचला बंसल भी साहित्य में जाना-पहचाना नाम हैं। विवाहेतर संबंध, विवाह विच्छेद और तलाक जैसे मुद्दों के साथ दैहिक आजादी जैसे प्रश्नों पर आउटलुक की आकांक्षा पारे काशिव ने उनसे बातचीत की। कुछ अंश:
आपके लिए नारी स्वतंत्रता क्या है?
मेरे लिए नारी स्वतंत्रता और पुरुष स्वतंत्रता में कोई अंतर नहीं है। दोनों का अर्थ है आजाद देश के नागरिक होने की स्वतंत्रता, चाहे उसका जेंडर, जाति, धर्म, वर्ग कुछ भी हो- यानी शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर, कानून की निगाह में समानता, रोजगार प्राप्ति के पर्याप्त अवसर या सामाजिक, कानूनी और आर्थिक रूप से एक नागरिक का स्वायत्त इकाई माना जाना। हमारे देश का बहुसंख्यक भाग, स्त्री-पुरुष दोनों, इस अर्थ में स्वतंत्र नहीं हैं। यह सही है कि पुरुष की तुलना में स्त्री को सभी साधनों में बनिस्बत कम हिस्सा मिलता है। पर ऐसे पुरुष से आजाद होने से, जो खुद आजाद नहीं है, समस्या सुलझ नहीं सकती।
आप मानती हैं कि शारीरिक आजादी ही दरअसल स्त्री की वास्तविक आजादी है?
कतई नहीं। वैसे भी देह मस्तिष्क के अधीन होती है। हां, यह सच है कि जब स्त्री को मात्र या प्रमुख रूप से देह मान लिया जाता है, तब वह पूर्णतया गुलाम हो जाती है।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin July 10, 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin July 10, 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
गांधी पर आरोपों के बहाने
गांधी की हत्या के 76 साल बाद भी जिस तरह उन पर गोली दागने का जुनून जारी है, उस वक्त में इस किताब की बहुत जरूरत है। कुछ लोगों के लिए गांधी कितने असहनीय हैं कि वे उनकी तस्वीर पर ही गोली दागते रहते हैं?
जिंदगी संजोने की अकथ कथा
पायल कपाड़िया की फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट परदे पर नुमाया एक संवेदनशील कविता
अश्विन की 'कैरम' बॉल
लगन और मेहनत से महान बना खिलाड़ी, जो भारतीय क्रिकेट में अलग मुकाम बनाने में सफल हुआ
जिसने प्रतिभाओं के बैराज खोल दिए
बेनेगल ने अंकुर के साथ समानांतर सिनेमा और शबाना, स्मिता पाटील, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, गिरीश कार्नाड, कुलभूषण खरबंदा और अनंतनाग जैसे कलाकारों और गोविंद निहलाणी जैसे फिल्मकारों की आमद हिंदी सिनेमा की परिभाषा और दुनिया ही बदल दी
सुविधा पचीसी
नई सदी के पहले 25 बरस में 25 नई चीजें, जिन्होंने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पूरी तरह से बदल डाली
पहली चौथाई के अंधेरे
सांस्कृतिक रूप से ठहरे रूप से ठहरे हुए भारतीय समाज को ढाई दशक में राजनीति और पूंजी ने कैसे बदल डाला
लोकतंत्र में घटता लोक
कल्याणकारी राज्य के अधिकार केंद्रित राजनीति से होते हुए अब डिलिवरी या लाभार्थी राजनीति तक ढाई दशक का सियासी सफर
नई लीक के सूत्रधार
इतिहास मेरे काम का मूल्यांकन उदारता से करेगा। बतौर प्रधानमंत्री अपनी आखिरी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस (3 जनवरी, 2014) में मनमोहन सिंह का वह एकदम शांत-सा जवाब बेहद मुखर था।
दो न्यायिक खानदानों की नजीर
खन्ना और चंद्रचूड़ खानदान के विरोधाभासी योगदान से फिसलनों और प्रतिबद्धताओं का अंदाजा
एमएसपी के लिए मौत से जंग
किसान नेता दल्लेवाल का आमरण अनशन जारी लेकिन केंद्र सरकार पर असर नहीं