पुरानी शैक्षणिक व्यवस्था भाषाओं की बाधा में बंधी नजर आती है, ऐसे में एक ग्लोबल एजुकेशन सिस्टम भी विकसित होना जरूरी है। अलग- अलग राज्य अपने स्तर पर इस विषय में प्रयासरत हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक क्रांतिकारी बदलाव का दौर चल रहा है। यहां अब सरकारी स्कूल और कॉलेज विश्व स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित नजर आने लगे हैं। शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव का परिणाम छात्रों के व्यक्तित्व और सीखने समझने की क्षमता में भी परिलक्षित हो रहा है। अब यहां छात्रों चेहरे पर एक अलग आत्मविश्वास नजर आता है।
प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए नहीं देना पड़ता कोई शुल्क
छत्तीसगढ़ में प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों को अब परीक्षा फीस नहीं देनी पड़ती। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षा में ली जाने वाली फीस माफ कर दी है। यानी कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा किसी भी भर्ती परीक्षा में स्थानीय अभ्यर्थियों से कोई फीस नहीं ली जाती। सीएम भूपेश बघेल के इस ऐलान के बाद से परीक्षार्थी काफी खुश हैं।
एजुकेशन वर्ल्ड ऑटोनॉमस कॉलेज रैंकिंग में टॉप 100 में 6 कॉलेज
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin August 07, 2023 sayısından alınmıştır.
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