उपेक्षित और पुरुष-प्रधान समाज में शोषण की शिकार महिलाओं की कहानियां महज मार्मिकता पैदा करने के लिए नहीं, बल्कि उससे उबरने-उबारने के संघर्षों और कोशिश की दास्तान है। आज यह स्त्री मुक्ति, उसके सशक्तीकरण का दौर है। आज स्त्री की दशा को लेकर राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में सक्रियता है। साहित्य की हर विधा में यह उपस्थित है। उसकी जीवन स्थिति पर कविताएं, गाथाएं रची जा रही हैं। हाल ही में स्त्री सशक्तीकरण पर जोर देने के लिए ओडिशी नृत्य की गुणी और प्रखर नृत्यांगना निताशा नंदा ने नृत्य, गायन और वादन में सिर्फ महिला कलाकारों को जुटाकर नया संदेश दिया। उन्होंने कला के दार्शनिक भाव को नृत्य संरचना में समाहित कर इसे प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की प्रारंभिक प्रस्तुति गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित थी। निताशा की यह नृत्य संरचना पूर्वजा कुमार, आसावरी श्रीवास्तव, नम्रता दुबे, नैथाली नमरेज की सरस संगीत रचना में सजी भक्तिमय प्रस्तुति थी, जो दर्शनीय थी। निताशा ऊर्जावान और प्रतिभावान नृत्यांगना है। उन्होंने लगन से नृत्य के संस्कारों को सुगढ़ता के साथ अपनी कला के साथ संवारा। यह उनके एकल नृत्य में उजागर हुआ। गुरु केलुचरण महापात्र की नृत्य संरचना पारंपरिक बटु नृत्य को विदेशी मूल की पेरिन लेगयोलोन ने सही लीक पर प्रस्तुत किया।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin April 29, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin April 29, 2024 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
शहरनामा - मधेपुरा
बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।
डाल्टनगंज '84
जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।
गांधी के आईने में आज
फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के दो पात्र मुन्ना और गांधी का प्रेत चित्रपट से कृष्ण कुमार की नई पुस्तक थैंक यू, गांधी से अकादमिक विमर्श में जगह बना रहे हैं। आजाद भारत के शिक्षा विमर्श में शिक्षा शास्त्री कृष्ण कुमार की खास जगह है।
'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट
नशे का नया ठिकाना
कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
मायापुरी में अपराध भी फिल्मी अंदाज में होते हैं, बस एक हत्या, और बी दशकों की कई जुर्म कथाओं पर चर्चा का बाजार गरम