"संघर्ष के दिन ज्यादा रचनात्मक थे"

कहते हैं, आपको एक्टिंग में ब्रेक एक इत्तेफाक से मिला?
सही है। गैंग्स ऑफ वासेपुर में मैंने जो पुलिसवाले का रोल किया था, असल में मुझे वह रोल नहीं करना था। उस रोल के लिए जिस एक्टर को चुना गया था, वह शूटिंग के दिन काम पर नहीं आया। मेरी एक छोटी सी प्रोडक्शन कंपनी थी और मैं उसमें छोटे-मोटे कंटेंट लिखता था। उस दिन अनुराग कश्यप ने कहा कि तुम यह रोल करोगे? मैंने जो कपड़े पहने थे, वह भी उसी एक्टर के लिए बने थे। जब मैंने उन्हें पहना तो वह फट गया। एक्टिंग में वह मेरा पहला कदम था। बाद में मैंने फ्रॉड सैयां और डिक्लेरेशन जैसी कुछ फिल्मों में काम किया। उसके बाद मुझे पंचायत मिली।
आपने बताया कि आप छोटा प्रोडक्शन हाउस चलाते थे। आज आपको बहुत शोहरत मिल गई है। क्या आप अभी भी उसमें कुछ बड़ा करने के बारे में सोचते हैं या अब बस एक्टिंग ही करना है?
हमने मेहनत करके प्रोडक्शन सीखा है। इसे कैसे छोड़ा जा सकता है? मैं इस पर काम कर रहा हूं और कई डायरेक्टर से मिल रहा हूं। आगे जरूर कुछ बड़ा होगा।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin September 30, 2024 sayısından alınmıştır.
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