हिरण वन
तीन नदियों गंगा, गंडक और घाघरा से घिरे इस शहर के नाम में ही इतिहास और संस्कृति की झलक है। सारण सारंग अरण्य या सारंग वन का अपभ्रंस माना जाता है, जिसका अर्थ है ‘हिरण का वन।’ इसके नाम से अनेक कथाएं, घटनाएं और पहचान जुड़ी हुई है।
समृद्ध इतिहास
यह जिला इतिहास के विभिन्न युगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। मौर्य और गुप्त काल से लेकर मुगल और अंग्रेजी शासन तक, इस जिले ने विभिन्न शासकों का प्रभाव देखा है। इसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को और भी उजागर करता है। इसका 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का उल्लेखनीय स्थान है। इस संघर्ष में सारण के क्रांतिकारियों ने अद्वितीय साहस और बलिदान का परिचय दिया। स्वतंत्रता संग्राम के बाद, सारण जिले ने स्वतंत्र भारत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेष रूप से कृषि, शिक्षा और सामाजिक सुधार के क्षेत्रों में।
भोजपुरी संस्कृति
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin October 14, 2024 sayısından alınmıştır.
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शहरनामा - सारण
सारण बिहार का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल है।
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