हिरण वन
तीन नदियों गंगा, गंडक और घाघरा से घिरे इस शहर के नाम में ही इतिहास और संस्कृति की झलक है। सारण सारंग अरण्य या सारंग वन का अपभ्रंस माना जाता है, जिसका अर्थ है ‘हिरण का वन।’ इसके नाम से अनेक कथाएं, घटनाएं और पहचान जुड़ी हुई है।
समृद्ध इतिहास
यह जिला इतिहास के विभिन्न युगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। मौर्य और गुप्त काल से लेकर मुगल और अंग्रेजी शासन तक, इस जिले ने विभिन्न शासकों का प्रभाव देखा है। इसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को और भी उजागर करता है। इसका 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का उल्लेखनीय स्थान है। इस संघर्ष में सारण के क्रांतिकारियों ने अद्वितीय साहस और बलिदान का परिचय दिया। स्वतंत्रता संग्राम के बाद, सारण जिले ने स्वतंत्र भारत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेष रूप से कृषि, शिक्षा और सामाजिक सुधार के क्षेत्रों में।
भोजपुरी संस्कृति
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin October 14, 2024 sayısından alınmıştır.
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गांधी पर आरोपों के बहाने
गांधी की हत्या के 76 साल बाद भी जिस तरह उन पर गोली दागने का जुनून जारी है, उस वक्त में इस किताब की बहुत जरूरत है। कुछ लोगों के लिए गांधी कितने असहनीय हैं कि वे उनकी तस्वीर पर ही गोली दागते रहते हैं?
जिंदगी संजोने की अकथ कथा
पायल कपाड़िया की फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट परदे पर नुमाया एक संवेदनशील कविता
अश्विन की 'कैरम' बॉल
लगन और मेहनत से महान बना खिलाड़ी, जो भारतीय क्रिकेट में अलग मुकाम बनाने में सफल हुआ
जिसने प्रतिभाओं के बैराज खोल दिए
बेनेगल ने अंकुर के साथ समानांतर सिनेमा और शबाना, स्मिता पाटील, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, गिरीश कार्नाड, कुलभूषण खरबंदा और अनंतनाग जैसे कलाकारों और गोविंद निहलाणी जैसे फिल्मकारों की आमद हिंदी सिनेमा की परिभाषा और दुनिया ही बदल दी
सुविधा पचीसी
नई सदी के पहले 25 बरस में 25 नई चीजें, जिन्होंने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पूरी तरह से बदल डाली
पहली चौथाई के अंधेरे
सांस्कृतिक रूप से ठहरे रूप से ठहरे हुए भारतीय समाज को ढाई दशक में राजनीति और पूंजी ने कैसे बदल डाला
लोकतंत्र में घटता लोक
कल्याणकारी राज्य के अधिकार केंद्रित राजनीति से होते हुए अब डिलिवरी या लाभार्थी राजनीति तक ढाई दशक का सियासी सफर
नई लीक के सूत्रधार
इतिहास मेरे काम का मूल्यांकन उदारता से करेगा। बतौर प्रधानमंत्री अपनी आखिरी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस (3 जनवरी, 2014) में मनमोहन सिंह का वह एकदम शांत-सा जवाब बेहद मुखर था।
दो न्यायिक खानदानों की नजीर
खन्ना और चंद्रचूड़ खानदान के विरोधाभासी योगदान से फिसलनों और प्रतिबद्धताओं का अंदाजा
एमएसपी के लिए मौत से जंग
किसान नेता दल्लेवाल का आमरण अनशन जारी लेकिन केंद्र सरकार पर असर नहीं