महिला मतदाता की मुहर

एनडीए और इंडिया गठबंधन में तकरीबन सीधे संघर्ष के बीच झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण में 43 सीटों के मतदान के पैटर्न ने राजनैतिक दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। पहले चरण में महिलाओं ने मतदान के मामले में पुरुषों को पीछे धकेल दिया। पुरुषों की तुलना में 4.77 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने वोट डाले। यह संख्या के हिसाब से तीन लाख अधिक है
जो चुनाव नतीजों को प्रभावित करने के लिए कम नहीं है। कोडरमा, बरकट्ठा, सिमरिया, विश्रामपुर, छतरपुर, भवनाथपुर में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने नौ प्रतिशत ज्यादा वोट डाले। बरकट्ठा में यह अंतर 15 प्रतिशत का रहा। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के. रविकुमार कहते हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में कुल मतदान करीब तीन प्रतिशत ज्यादा हुआ है। बढ़े हुए मतदान और महिलाओं के उत्साह को लेकर संशय कायम है। कयास है कि चुनावी साल में 18 से 50 साल तक की महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना और 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, बकाया बिजली बिल माफी जैसी योजनाएं इसकी वजह हो सकती हैं। केंद्र और खनन कंपनियों के पास बकाया एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये मिलने पर महिलाओं के खाते में पांच लाख रुपये तक डालने की बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कह रहे हैं। समाजशास्त्री संजीव कहते हैं कि झारखंड के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन करते हैं और घरों में महिलाएं ज्यादा रह जाती हैं, इसलिए महिलाओं के ज्यादा मतदान की एक वजह यह भी हो सकती है।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin December 09, 2024 sayısından alınmıştır.
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