अमन के दावों पर मौतें भारी

बजट सत्र में संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि जम्मूकश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने के बाद की स्थितियों पर देश को गुमराह किया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को अपने अभिभाषण में कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में विकास के लिए अनुकूल माहौल है। मेहदी लगातार राज्य के विशेष दर्जे की बहाली की वकालत करते रहे हैं।
मेहदी ने कहा, "यह पहली बार नहीं है कि जम्मूकश्मीर में विधानसभा चुनाव और संसदीय चुनाव हुए हैं। यह तब भी होता था जब अनुच्छेद 370 लागू था। आपने (भाजपा) अनुच्छेद 370 को गैर-कानूनी ढंग से हटाया लेकिन उसके बाद भी लोगों ने लोकतंत्र में विश्वास दिखाया है। " मेहदी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में अनुच्छेद 370 हटाने के मायने, नुकसान और फायदों पर चर्चा नहीं की गई, जो लोगों को समझना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाजपा अमूमन 'जम्मू-कश्मीर के बाहर अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फायदों" का डंका पीटती है, लेकिन राज्य में बढ़ती बेरोजगारी और शांति व्यवस्था के हालात से " उसके दावे बेमानी साबित होते हैं। जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात भी इसकी गवाही देते हैं।
हाल में 4 फरवरी को आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में मंजूर अहमद वागे की उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी। वागे 2021 में सेवानिवृत्त प्रादेशिक सेना के जवान थे। हमले में उनकी पत्नी और भतीजी जख्मी हो गईं। उसके बाद सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग जिलों से करीब 500 युवाओं को हिरासत में लिया है। कश्मीर के नेताओं ने इसे " सामूहिक प्रतिशोध " बताया। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सामूहिक गिफ्तारी का मुद्दा सबसे पहले उठाया। उनकी बेटी और पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, “कुलगाम में ही नहीं, बडगाम और गांदेरबल में भी लड़कों को उठाया जा रहा है। मैं सरकार से पूछना चाहती हूं, क्या वे सभी आतंकवादी हैं ? उन सभी को संदेह की नजर से क्यों देखा जा रहा हैं ? हैरत है कि एक भी मंत्री ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है।" इल्तिजा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह इस “सामूहिक हिरासत" को चुपचाप देख रही है।
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin March 03, 2025 sayısından alınmıştır.
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