चैंपियन चैंपियन टीम इंडिया चैंपियन

इसी के साथ टीम इंडिया ने एक बार फिर विश्व क्रिकेट में अपनी श्रेष्ठता साबित की। न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबले में चार विकेट से जीत दर्ज करके भारत ने 12 वर्षों बाद यह खिताब जीता है। इस जीत के साथ भारत ने न केवल न्यूजीलैंड से चैंपियंस ट्रॉफी 2000 के फाइनल का बदला लिया बल्कि 2017 के फाइनल में अधूरे रह गए सपने को भी में साकार कर लिया। पिछले नौ महीनों में भारत का यह दूसरा आइसीसी खिताब है, जो टीम की निरंतरता और उत्कृष्टता को दर्शाती है। पिछले साल जून ही भारत ने 17 साल बाद टी20 विश्व कप खिताब जीता था और अब चैंपियंस ट्रॉफी भी अपने नाम कर ली।
भारतीय टीम के लिए यह टूर्नामेंट आसान नहीं था। मुख्य रूप से पाकिस्तान न जाना और सभी मैच दुबई में खेलना, टीम के लिए विवाद का कारण बन गया। गौरतलब है कि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन पाकिस्तान में किया गया, लेकिन सुरक्षा चिंताओं के कारण भारतीय टीम ने अपने सभी मैच दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले। इस निर्णय पर विवाद भी हुआ, क्योंकि अन्य टीमों को विभिन्न स्थानों पर खेलना पड़ा, जबकि भारत ने सभी मैच एक ही पिच पर खेले। भारत ने अच्छा खेल दिखाया, तो एक-एक कर सभी टीमों के खिलाड़ी इस चर्चा को तूल देने लगे। इसके बावजूद, भारतीय टीम ने अपने प्रदर्शन से सभी आलोचनाओं को खारिज किया और ट्रॉफी पर कब्जा जमाया.
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin March 31, 2025 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Outlook Hindi dergisinin March 31, 2025 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,500+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap

विरासत भारी, कंधे नए
गिल को कप्तानी ही नहीं संभालनी, बल्कि दो दिग्गजों की विरासत को भी संभालना है, उसी में उनकी असली परीक्षा होगी

माओवाद की जड़ पर चोट
माओवादी रणनीतिकार तथा शीर्ष नेता बसवराजू की हाल में केंद्रीय बलों के साथ मुठभेड़ में मौत वामपंथी उग्रवाद से निपटने में अहम

आजादी की राजनीति
आजकल समाजवादी राजनीति कुछ अलग ही ढंग से चर्चा में है। उस पर भीषण हमला सिर्फ बाजारवाद, नव-चढ़ पूंजीवाद, निजीकरण, सांप्रदायिक सियासत के मिलिटेंट पैरोकार ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे भी कर रहे हैं, जिनकी सियासी जगह छिनती जा रही है और वजूद बचाने को वे हाथ-पैर मार रहे हैं।

फिर ग्रे लिस्ट की कोशिश?
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में वापस डालने के लिए भारत ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में भेजा

फिर पैर पसारती दहशत
कोरोना वायरस की फिर दस्तक ने लोगों को फिर फिक्रमंद किया, स्वास्थ्य सेवाओं का चरमराता ढांचा भी चिंता का विषय, सावधानी ही फिलहाल बड़ी सुरक्षा

शहरनामा
सतना

कौन करेगा धरती की चिंता
क्या एक दशक पहले तक किसी ने ऐसा सोचा था कि हमारे देश की धरती पानी के लिए तरस जाएगी?

एक ढीठ तो दूसरा दबंग
भारत को पाकिस्तान और चीन के लिए लंबी रणनीति तैयार करनी होगी, घरेलू राजनैतिक मजबूरियों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता बनानी होगी

ट्रम्प की कड़वी दवा
दवा कीमतों में 80 फीसदी तक कटौती के प्रस्ताव पर अनिश्चितता से भारतीय फार्मा कंपनियों में बेचैनी

नाजुक त्रिकोण की लहरें
सीमा पर चीन के साथ तनाव जारी और उसकी रणनीतिक पहल से म्यांमार और बांग्लादेश सहित दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया के त्रिकोण की राजनैतिक अनिश्चितता से सीमा पर चुनौतियां बढ़ीं