छोटी बचत करने वालों के लिए सब से मुश्किल काम होता है कि वे भविष्य के लिए अपनी बचत कैसे करें. आमतौर पर सोना या फिक्स डिपौजिट का सब से अधिक प्रचलन है. बचत में सोने के महत्त्व को देखते हुए ही बैंकों ने सोने पर लोन देना भी शुरू कर दिया है. इस वजह से सोने का महत्त्व नई पीढ़ी में भी बढ़ रहा है. यही वजह है कि तमाम बैंक गोल्ड लोन के लिए योजना ले कर आ रहे हैं. भारत में बहुत पहले से गोल्ड में इन्वैस्टमैंट होता था. बैंक चाहता है कि जो सोना आप के पास घर में बेकार पड़ा है उसे बैंक में जमा करें और उस पर लोन भी ले सकते हैं. इस के साथ ही साथ अगर लोन नहीं लेना चाहते तो ब्याज पा सकते हैं.
कई बैंक अब सोने की एफडी यानी फिक्स डिपौजिट योजना भी चला रहे हैं. इस की खास बात यह है कि इस में सोना भी सुरक्षित रहता है और ब्याज भी मिलता है. इस के बाद भी बैंकों की एफडी यानी फिक्स डिपौजिट योजना बचत के हिसाब से सब से ज्यादा लोकप्रिय है. लोग बैंकों में रखे पैसे को जरूरत के समय निकालना सब से आसान समझते हैं. बैंकों ने गोल्ड लोन को ले कर तमाम योजनाएं निकाल दी हैं.
सोना प्लस डिपोजिट स्कीम
बैंक अब गोल्ड स्कीम को ले कर अधिक प्रचारप्रसार कर रहे हैं. कारण यह है कि इस में बैंकों के पैसे के डूबने के चांस नहीं होते हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी कुछ शाखाओं पर रिवैम्प्ड गोल्ड डिपौजिट स्कीम शुरू की है. इस के तहत ग्राहक को कम से कम 30 ग्राम गोल्ड जमा करना होता है. सोना जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं तय की गई है. आप कितना भी गोल्ड जमा कर के उस पर ब्याज पा सकते हैं.
Bu hikaye Sarita dergisinin October Second 2022 sayısından alınmıştır.
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