
नोटबंदी थोपे जाने के 6 वर्षों बाद यह जिन्न एक बार फिर से बाहर आ गया है. सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई करना शुरू कर दिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक को विस्तृत हलफनामा दाखिल कर नोटबंदी की प्रक्रिया बताने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि वह सरकार के नीतिगत फैसलों की न्यायिक समीक्षा पर अपनी लक्ष्मणरेखा को जानता है. 5 जजों की एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि जब संविधान पीठ के सामने कोई मुद्दा उठता है तो जवाब देना उस का कर्तव्य है.
इस से पहले 16 दिसंबर, 2016 को तत्कालीन सीजेआई टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बैंच ने नोटबंदी की वैधता वाली याचिका को 5 न्यायाधीशों की एक बड़ी बैंच के पास भेज दिया था.
हर साल का नवंबर माह आते ही देशवासियों को 8 नवंबर, 2016 का वह दिन और रात 8 बजे का समय याद आ जाता है. यह बताया जाता है कि आज रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम अपना संदेश देंगे. लोगों को इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि प्रधानमंत्री मोदी अपने संदेश में क्या कहने वाले हैं.
मोदी ने जैसे ही यह कहा कि 'आज रात 12 बजे के बाद आप के 1 हजार और 500 रुपए के नोट लीगल टैंडर नहीं रहेंगे.' लोगों को यह समझ ही नहीं आया कि 'लीगल टैंडर नहीं रहेंगे, का मतलब क्या है ? अभी प्रधानमंत्री का संदेश खत्म भी नहीं हुआ था कि व्हाट्सऐप पर लोगों को यह मैसेज मिलने लगा कि 500 और 1 हजार रुपए के नोट चलन से बाहर कर दिए गए हैं.
यह पता चलते ही भारी भीड़ बैंकों के एटीएम के सामने लाइन लगा कर खड़ी हो गई. रात 12 बजे से पहले ही सभी एटीएम पूरी तरह से खाली हो गए. देशवासियों की पूरी रात यह समझने में निकल गई कि नोटबंदी का मतलब यह है कि सरकार की नजर में आप के पास जो भी नकद पैसा रखा है वह 'कालाधन' है. वह अपराध से जमा किया पैसा है और आप को साबित करना है कि आप शरीफ हैं, बेगुनाह हैं.
Bu hikaye Sarita dergisinin November Second 2022 sayısından alınmıştır.
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