![जरूरी मोबाइल औनलाइन एप्लीकेशंस जरूरी मोबाइल औनलाइन एप्लीकेशंस](https://cdn.magzter.com/1338812051/1682270775/articles/pyG0vSzTk1682324237162/1682324531039.jpg)
इंटरनैट तकनीक में हो रहे तेजी से विकास के साथ अब किसी भी व्यवसाय के लिए यह आसान हो गया है कि वह डैस्कटौप या स्मार्टफोन पर एप्लिकेशन के माध्यम से यूजर्स तक पहुंच बनाए, साथ ही, यूजर्स के लिए भी आसान हो गया है कि वे आसानी से घर बैठे या राह चलते एक क्लिक से उन की सर्विसेज का फायदा उठाएं.
आज टूर में पेपर मैप्स, गाइडबुक्स और अन्य सामान के दिन चले गए हैं. इंटरनैट पर आज देश की अधिकतर जगह मौजूद हैं. इस के अलावा देश के लगभग हर हाथ में, खासकर युवाओं के पास, स्मार्टफोन जैसी सुविधा पहुंच गई है. भारत स्मार्टफोन यूज करने के मामले में दूसरे नंबर पर आता है.
पिछले साल डेलायट ने एक रिपोर्ट जारी की, उस के अनुसार भारत में साल 2021 तक कुल 1.2 अरब मोबाइल यूजर्स थे, जिन में से लगभग 75 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स थे. इस रिपोर्ट में साल 2026 तक एक अरब स्मार्टफोन यूजर्स हो जाने का अनुमान जताया गया.
आज स्मार्टफोन ट्रैवलर्स के लिए बहुत उपयोगी साधन बन गया है. वे अपनी ट्रिप को अच्छे ढंग से मैनेज कर सकते हैं और अपने अनुसार प्लान कर सकते हैं. यही कारण है कि भारत समेत दुनियाभर में ट्रैवल ऐप्स की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है.
स्टेटिस्टा की रिपोर्ट बताती है कि मार्च 2023 तक गूगल प्ले स्टोर में 26 लाख 73 हजार से अधिक एप्लीकेशंस हैं. इतनी सारी एप्लीकेशंस हैं जिन से लोग किसी न किसी तरह से सर्विसेस और सुविधाएं ले रहे हैं. जाहिर है इन में कइयों ऐसी टूर एंड ट्रैवल से संबंधित एप्लीकेशंस भी हैं जिन से एक छत के नीचे रह कर ही पूरे टूर का प्लान किया जा सकता है.
मोबाइल ऐप की अच्छी बात यह है कि अगर कोई पर्यटक ऐप से जुड़ता है तो वह एक ही जगह पर सारा सैटअप हासिल कर सकता है. इस में जिस जगह जाना है उस का चयन, उस जगह पहुंचने के लिए टिकट बुक करना, पौकेटफ्रैंडली टैरिफ, होटल, लौज, होस्टल की बुकिंग, जहां जाना है वहां के लिए कैब बुक करना, घूमने के लिए जगहों की खोज, मौसम की जानकारी लेना आदि ऐप्स के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है.
Bu hikaye Sarita dergisinin April Second 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Sarita dergisinin April Second 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
![मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/LowUfbRDd1739346630309/1739346915320.jpg)
मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान
हम बचपन में बोलना तो सीख लेते हैं मगर क्या बोलना है और कितना बोलना है, यह सीखने के लिए पूरी उम्र भी कम पड़ जाती है. मौन रहना आज के दौर में ध्यान केंद्रित करने की तरह ही है.
![सरकार थोप रही मोबाइल सरकार थोप रही मोबाइल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/PC285IuYk1739280195789/1739280474981.jpg)
सरकार थोप रही मोबाइल
सरकार द्वारा कई स्कीमों को चलाया जा रहा है. बिना एडवांस मोबाइल फोन और इंटरनैट सेवा की इन स्कीमों का फायदा उठाना असंभव है. ऐसा अनावश्यक जोर क्या सही है?
![सास बदली लेकिन नजरिया नहीं सास बदली लेकिन नजरिया नहीं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/pg03lBb3y1739281192590/1739281417705.jpg)
सास बदली लेकिन नजरिया नहीं
सास और और बहू को एकदूसरे की भूमिका को स्वीकार करना चाहिए. सास पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए बहू को सिखा सकती है और बहू नई सोच व नए दृष्टिकोण से घर को बेहतर बना सकती है.
![अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़ अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/s4o9Sj54G1739278764498/1739279348669.jpg)
अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही अमेरिका में एक नए दौर की शुरुआत हो चुकी है जिसे ले कर हर कोई आशंकित है कि अब लोकतंत्र को हाशिए पर रख धार्मिक एजेंडे पर अमल होगा.
![किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/9JDheV0BY1739279671565/1739280166756.jpg)
किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक
यह वह दौर हैं जब पेरैंट्स की सेवा न करने वाली संतानों की अदालतें तक खिंचाई कर रही हैं लेकिन मांबाप की दिल से सेवा करने वाली संतान के लिए जायदाद में ज्यादा हिस्सा देने पर वे भी अचकचा जाती हैं क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. क्या यह ज्यादती नहीं?
![युवाओं के सपनों के घर पर डाका युवाओं के सपनों के घर पर डाका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/SzT5OWXW71739279379347/1739279671358.jpg)
युवाओं के सपनों के घर पर डाका
नौकरीपेशा होम लोन ले कर अपने सपनों का आशियाना खरीद लेते हैं. लेकिन यहां समस्या तब आती है जब किसी यूइत में वे लोन नहीं चुका पाते. ऐसे में कई बार उन्हें अपने घर से हाथ धोना पड़ता है.
![मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/kAkDNoyBV1739280807508/1739281176766.jpg)
मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी
बूफे पार्टी में मेहमान भोजन और अच्छे समय का आनंद लेने के साथसाथ सोशल गैदरिंग के चलन को भी जीवित रखते हैं. यह अवसर न केवल खानपान के लिए होता है बल्कि यह लोगों के बीच बातचीत, हंसीमजाक और आपसी विचारों के आदानप्रदान का एक साधन भी है.
![अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/RkxmXuMNk1739280478617/1739280798357.jpg)
अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त
एक तरह के हादसे पर कानून दो तरह से कैसे काम कर सकता है? क्या यह न्याय और संविधान दोनों का अपमान नहीं ?
![ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/jsAA7PQtH1737712505485/1737712993859.jpg)
ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों
कुछ लोगों में अपने रुतबे को ले कर अहंकार होता है. उन्हें लगता है कि उन का ओहदा, उन का पद बैस्ट है. वे सुपीरियर हैं. यह सोच अहंकार और ईगो लाती है जो इंसान के व्यवहार में अड़चन डालती है.
![बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/igzsVRgNl1737713300356/1737713410810.jpg)
बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र
देश नारा प्रधान है. काम भले कुछ न हो रहा हो पर पार्टियां और सरकारों द्वारा उछाले नारों की खुमारी जनता पर खूब छाई रहती है.