23 अगस्त की शाम 6 बज कर 4 मिनट पर चांद पर भारतीय चंद्रयान-3 के लैंडर की सौफ्ट लैंडिंग होने के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया. दक्षिणी ध्रुव पर अभी तक किसी भी देश का चंद्रयान नहीं उतरा है, हालांकि चांद के दूसरे भागों में कई देशों के चंद्रयान' उतर चुके हैं. चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वालों में भारत चौथे नंबर पर है. इस से पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के 'चंद्रयान' चांद पर पहुंच चुके हैं.
भारत ने इस से पहले 2019 में भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की कोशिश की थी, मगर कामयाब नहीं हो पाया. भारत का चंद्रयान-2 चांद तक तो पहुंचा मगर चांद की सतह पर उतरने में कामयाब नहीं हुआ. अंतिम 15 मिनटों, जिन्हें इसरो के वैज्ञानिक 'आतंक के 15 मिनट' कहते हैं, ने भारतीय वैज्ञानिकों की एक बहुत बड़ी कोशिश को असफल कर दिया. चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर सौफ्ट लैंडिंग की कोशिश में लड़खड़ा गया और महज 7.42 किलोमीटर की ऊंचाई पर क्रैश हो गया.
इस विफलता से इसरो के डायरैक्टर एस सोमनाथ फफक कर रो पड़े थे. हालांकि इस विफलता में चंद्रयान-2 का लैंडर ही दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. वह और्बिटर सहीसलामत था जिस से अलग हो कर लैंडर सतह पर लैंड करने की कोशिश कर रहा था. चंद्रयान-2 का और्बिटर बिलकुल सहीसलामत बीते चार वर्षों से न सिर्फ चांद की परिक्रमा कर रहा है, बल्कि लगातार सूचनाएं भी भेज रहा है. इन्हीं सूचनाओं और विश्लेषणों के आधार पर ही इसरो के वैज्ञानिकों ने तकनीकी खामियों को दूर कर के चंद्रयान-3 को डिजाइन किया और उसे सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंड करवाया.
Bu hikaye Sarita dergisinin September Second 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber ? Giriş Yap
Bu hikaye Sarita dergisinin September Second 2023 sayısından alınmıştır.
Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.
Already a subscriber? Giriş Yap
निशानेबाजी की 'द्रोणाचार्य' सुमा शिरूर
सुमा शिरूर भारतीय निशानेबाज हैं. वर्तमान में सुमा भारतीय जूनियर राइफल शूटिंग टीम की कोच हैं. सुमा शूटिंग में अब तक कई मैडल जीत चुकी हैं, वहीं उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
राज कपूर की 100वीं जयंती ऐसे ही कोई नहीं बन जाता शोमैन
राज कपूर नेहरूवादी सामाजिक सोच को ले कर चल रहे थे लेकिन उन की लगभग हर फिल्म के लेखक ख्वाजा अहमद अब्बास साम्यवादी विचारधारा से प्रेरित थे. यही एक वजह भी है कि राज कपूर की फिल्मों में समाजवादी मिश्रण नजर आया और उन्होंने वर्ग संघर्षों से जनित आम लोगों के सामाजिक बदलावों को परदे पर उतारा.
संतान को ही क्यों दें संपत्ति
राजनीति हो या बिजनैस सही उत्तराधिकारी का चयन ही विरासत को आगे बढ़ाता है. यदि उत्तराधिकारी ढूंढ़ने में लगता है तो समय लगता परिणाम भविष्य में घातक भी साबित होते हैं.
दुर्घटना हो जाए तो
दुर्घटना के बाद सही कदम उठाना आप के और दूसरों के लिए मददगार हो सकता है लेकिन आमतौर पर लोगों को की जानकारी कम होती है कि ऐसी परिस्थिति में वे क्या करें. जानिए यदि रास्ते में दुर्घटना हो जाए तो क्या करें.
मरने के बाद धार्मिक आडंबर के नाम पर लूट
मौत के बाद, बजाय शरीर के खाक होने के, व्यक्ति के साथ क्या होता है इस का कोई प्रमाण नहीं. बावजूद हिंदुओं में मृत्यपरांत धार्मिक कर्मकांड भरे पड़े हैं. इस के केंद्र में पंडे हैं जो दानदक्षिणा का धंधा चलाए रखना चाहते हैं.
अधूरा प्यार
अपने अधूरे को पाने की लालसा एक बार फिर मन में बलवती हो उठी थी. लेकिन रोज ने मुझे ऐसा आईना दिखाया कि उस में अपना चेहरा देख मुझे शर्म आ रही थी.
संकट कटे मिटे सब पीड़ा
गाय रोटी खाएगी तो ग्रह दोष मिटेगा, कुत्ते को खिलाओ तो दुश्मन भागेगा. मेहनत से दूर भागने वालों ने तांत्रिकों को भिखारी से करोड़पति बना दिया है, अरे वाह, यह कैसा खेल है, आप भी पढ़िए.
बीमार न कर दें पसंदीदा फूड
बच्चे तो बच्चे, अब बड़े भी जीभ के गुलाम बन गए हैं जो चटपटे खाने की तरफ दौड़ पड़ते हैं. लेकिन ये फूड्स आप को बीमार भी कर सकते हैं.
वोट ट ने बदली महिलाओं की तसवीर
रामचरितमानस में जिन औरतों को 'ताड़न की अधिकारी' बता कर वर्ण व्यवस्था का शिकार बनाया गया, वोट व्यवस्था में वही औरतें चुनावी जीत का आधार बन कर वर्ण व्यवस्था पर करारी चोट कर रही हैं.
घर खरीदने से पहले
अपना घर अपना ही होता है, भले छोटा ही हो. कई बार हम घर खरीदते समय ऐसी लापरवाहियां कर बैठते हैं जो बाद में दिक्कत देती हैं. आज के समय में घर खरीदते समय सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है.