लड़खड़ाती विदेश नीति पड़ोसी हो रहे हैं दुश्मन
Sarita|February First 2024
आज कोई पड़ोसी देश भारत का सगा नहीं है. सब चीन के इशारे पर चल रहे हैं. पिद्दीपिद्दी से देश हमें आंखें दिखा रहे हैं. भारत की विदेश नीति का मोदी सरकार ने बंटाधार कर दिया है और हम भजनकीर्तन में लगे हैं.
नसीम अंसारी कोचर
लड़खड़ाती विदेश नीति पड़ोसी हो रहे हैं दुश्मन

मोदी सरकार में भारत की विदेश नीति इतनी ज्यादा कमजोर हो गई है कि आज हमें मालदीव जैसा पिद्दी सा देश आंखें दिखा रहा है. कितनी हास्यास्पद है कि सोशल मीडिया का सहारा ले कर जनता के जरिए विदेश मंत्रालय में ताकत भरी जा रही है. कोई खुल कर यह बात बोल दे तो उस की जबान बंद करने के लिए उसे देशद्रोही बता दिया जाता है, घुसपैठिया या पाकिस्तानी करार दे दिया जाता है.

नक्शे पर नजर दौड़ाएं तो आज कोई भी पड़ोसी देश भारत का सगा नहीं रह गया है. भारत से समुद्री सीमा साझा करने वाला मालदीव, जिस से कभी हमारे रणनीतिक, आर्थिक और सैन्य संबंध काफी घनिष्ठ थे, जो कभी हमारे देश के अमीरों और बौलीवुड हस्तियों के लिए छुट्टियां बिताने के लिए बैस्ट डैस्टिनेशन था, अब वहां जाने के लिए भारतीयों को सोचना पड़ेगा.

भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक संबंधों का एक विस्तृत इतिहास रहा है. नेपाल भारत के आर्थिक और सामरिक हितों के लिए महत्त्वपूर्ण है. नेपाल से हमारे रिश्ते कभी रोटीबेटी के थे. भारत के 5 राज्य नेपाल के साथ अपनी सीमाएं साझा करते हैं. इन में बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड और सिक्किम शामिल हैं. इन क्षेत्रों की सीमाओं से लोग रोटीरोजगार के लिए प्रतिदिन इधर से उधर जाते हैं.

मगर आज जबकि नेपाल पूरी तरह चीन के प्रभाव में है, हमें अपनी सीमाओं की चौकसी और सुरक्षा बढ़ानी पड़ी है. नेपाल में चीन का बढ़ता हस्तक्षेप, नेपाल की आंतरिक राजनीति और भारत की पड़ोस नीति की समस्या कुछ ऐसे पहलू हैं जो दोनों देशों में मतभेद के कारण बन रहे हैं.

नेपाल में चीन का दबदबा बहुत तेजी से बढ़ रहा है और भारत का प्रभाव वहां नगण्य हो चुका है. चीन ने हाल ही में अपने चार बंदरगाह नेपाल के इस्तेमाल के लिए खोल दिए हैं. भारत और नेपाल के बीच कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को ले कर विवाद बढ़ता जा रहा है. नेपाल का दावा है कि महाकाली नदी के पूर्वी हिस्से में स्थित ये क्षेत्र 1816 की सुगौली संधि के तहत नेपाल का हिस्सा हैं.

Bu hikaye Sarita dergisinin February First 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

Bu hikaye Sarita dergisinin February First 2024 sayısından alınmıştır.

Start your 7-day Magzter GOLD free trial to access thousands of curated premium stories, and 9,000+ magazines and newspapers.

SARITA DERGISINDEN DAHA FAZLA HIKAYETümünü görüntüle
गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं
Sarita

गलत हैं नायडू स्टालिन औरतें बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं

महिलाएं बड़ी बड़ी बाधाएं पार कर उस मुकाम पर पहुंची हैं जहां उन का अपना अलग अस्तित्व, पहचान और स्वाभिमान वगैरह होते हैं. ऐसा आजादी के तुरंत बाद नेहरू सरकार के बनाए कानूनों के अलावा शिक्षा और जागरूकता के चलते संभव हो पाया. महिलाओं ने अब इस बात से साफ इनकार कर दिया कि वे सिर्फ बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं बने रहना चाहती हैं.

time-read
7 dak  |
November First 2024
सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर
Sarita

सांई बाबा विवाद दानदक्षिणा का चक्कर

वाराणसी के हिंदू मंदिरों से सांईं बाबा की मूर्तियों को हटाने की सनातनी मुहिम फुस हो कर रह गई है तो इस की अहम वजह यह है कि हिंदू ही इस मसले पर दोफाड़ हैं. लेकिन इस से भी बड़ी वजह पंडेपुजारियों का इस में ज्यादा दिलचस्पी न लेना रही क्योंकि उन की दक्षिणा मारी जा रही थी.

time-read
10 dak  |
November First 2024
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5
Sarita

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा भाग-5

1990 के बाद का दौर भारत में भारी उथलपुथल भरा रहा. एक तरफ नई आर्थिक नीतियों ने कौर्पोरेट को नई जान दी, दूसरी तरफ धर्म का बोलबाला अपनी ऊंचाइयों पर था. धार्मिक और आर्थिक इन बदलावों ने भारत के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को बदल कर रख दिया, जिस का असर संसद पर भी पड़ा.

time-read
10 dak  |
November First 2024
न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी
Sarita

न्याय की मूरत सूरत बदली क्या सीरत भी बदलेगी

भावनात्मक तौर पर 'न्याय की देवी' के भाव बदलने की सीजेआई की कोशिश अच्छी है, लेकिन व्यवहार में इस देश में निष्पक्ष और त्वरित न्याय मिलने व कानून के प्रभावी अनुपालन की कहानी बहुत आश्वस्त करने वाली नहीं है.

time-read
6 dak  |
November First 2024
एक गलती ले डूबी इन ऐक्टर्स को
Sarita

एक गलती ले डूबी इन ऐक्टर्स को

फिल्म कलाकारों का पूरा कैरियर उन की इमेज पर टिका होता है. दर्शक उन्हें इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें वे अपना आइकन मानने लग जाते हैं मगर जहां रियल लाइफ में इस इमेज पर डैंट पड़ता है वहां वे अपने कैरियर से हाथ धो बैठते हैं.

time-read
7 dak  |
October Second 2024
शादी से पहले खुल कर करें बात
Sarita

शादी से पहले खुल कर करें बात

पतिपत्नी में किसी तरह का झगड़ा हो हीन, इस के लिए शादी के बंधन में बंधने से पहले दोनों पार्टनर्स हर विषय पर खुल कर बात करें चाहे अरेंज मैरिज हो रही हो या हो लव मैरिज. वे विषय क्या हैं और बातें कैसे व कहां करें, जानें आप भी.

time-read
6 dak  |
October Second 2024
सुनें दिल की धड़कन
Sarita

सुनें दिल की धड़कन

सांस लेने में मुश्किल, छाती में दर्द या बेचैनी महसूस हो, तो फौरन कार्डियोलोजिस्ट से हृदय की जांच करानी चाहिए क्योंकि शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करने से स्थिति गंभीर हो सकती है.

time-read
5 dak  |
October Second 2024
जब ससुर लेता हो बहू का पक्ष
Sarita

जब ससुर लेता हो बहू का पक्ष

जिन मातापिता के पास सिर्फ बेटे ही होते हैं वे घर में बहू के आने के बाद बहुत खुश होते हैं. बहू में वे बेटी की कमी को पूरा करना चाहते हैं. ऐसे में ससुर के साथ बहू के रिश्ते बहुत अच्छे हो जाते हैं क्योंकि लड़कियां बाप की ज्यादा लाड़ली होती हैं.

time-read
7 dak  |
October Second 2024
डिंक कपल्स जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेलेपन की खाई
Sarita

डिंक कपल्स जीवन के अंतिम पड़ाव में अकेलेपन की खाई

आजकल शादीशुदा युवाओं की लाइफस्टाइल में डिंक कपल्स का चलन बढ़ गया है. इस में दोनों कमा कर आज में जीते हैं पर बच्चे, परिवार और बिना जिम्मेदारियों के साथ. यह चलन खतरनाक भी हो सकता है.

time-read
3 dak  |
October Second 2024
प्रसाद पर फसाद
Sarita

प्रसाद पर फसाद

प्रसाद में मांसमछली वगैरह की मिलावट की अफवाह के के बाद भी तिरुपति के मंदिर में भक्त लड्डू धड़ल्ले से चढ़ा रहे हैं. इस से जाहिर होता है कि यह आस्था का नहीं बल्कि धार्मिक और राजनीतिक दुकानदारी का मसला है.

time-read
7 dak  |
October Second 2024