प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद 18 जून को मोदी वाराणसी पहुंचे जहां उन्होंने सब से पहले किसान सम्मेलन को संबोधित किया. साथ ही, उन्होंने 20 हजार करोड़ रुपए 17वीं पीएम किसान निधि के रूप में किसानों के खाते में ट्रांसफर किए. किसानों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "मैं ने किसान, नौजवान, नारी शक्ति और गरीब को विकसित भारत का मजबूत स्तंभ माना है. अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत मैं ने इन्हीं के सशक्तीकरण से की है. सरकार बनते ही सब से बड़ा किसान और गरीब परिवारों से जुड़ा फैसला लिया गया है. देश में गरीब परिवारों के लिए 3 करोड़ नए घर बनाने हों या फिर पीएम किसान सम्मान निधि को आगे बढ़ाना हो, ये फैसले करोड़ों करोड़ों लोगों की मदद करेंगे."
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की 30 हजार से अधिक महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाणपत्र भी प्रदान किए. बकौल प्रधानमंत्री, पीएम किसान निधि योजना के तहत अब तक 11 करोड़ से अधिक पात्र किसान परिवारों को 3.04 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लाभ मिल चुका है..
19 जून को किसानों के हित में मोदी सरकार ने एक और काम किया. मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को बताया कि धान, रागी, बाजरा, ज्वार, मक्का और कपास समेत 14 खरीफ सीजन की फसलों पर एमएसपी को लागू कर दिया गया है, जिस के फलस्वरूप किसानों को एमएसपी के रूप में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए मिलेंगे. धान का नया एमएसपी 2,300 रुपए होगा जो पहले से 117 रुपए ज्यादा है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल किसानों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य करेगा.
किसानों के प्रति इतनी ममता कैसे
Bu hikaye Sarita dergisinin July Second 2024 sayısından alınmıştır.
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अच्छा लगता है सिंगल रहना
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मां के पल्लू से निकलें
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पोटैशियम और मैग्नीशियम शरीर के लिए कितने जरूरी
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साइकोएक्टिव ड्रग्स जैसा धार्मिक अंधविश्वास
एक परिवार सायनाइड खा लेता है, एक महिला अपने लड्डू गोपाल को स्कूल भेजती है, कुछ बच्चे काल्पनिक देवताओं को अपना दोस्त मानते हैं. इन घटनाओं के पीछे छिपा है धार्मिक अंधविश्वास का वह असर जो मानव की सोच व व्यवहार को बुरी तरह प्रभावित करता है.
23 नवंबर के चुनावी नतीजे भाजपा को जीत पर आधी
जून से नवंबर सिर्फ 5 माह में महाराष्ट्र व झारखंड की विधानसभाओं और दूसरे उपचुनावों में चुनावी समीकरण कैसे बदल गया, लोकसभा चुनावों में मुंह लटकाने वाली पार्टी के चेहरे पर मुसकान आ गई लेकिन कुछ काटे चुभे भी.
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"पुरुष सत्तात्मक सोच बदलने पर ही बड़ा बदलाव आएगा” बिनायफर कोहली
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पतिपत्नी के रिश्ते के माने अब सिर्फ इतने भर नहीं रह गए हैं कि पति कमाए और पत्नी घर चलाए. अब दोनों को ही कमाना और घर चलाना पड़ रहा है जो सलीके से हंसते खेलते चलता भी है. लेकिन दिक्कत तब खड़ी होती है जब कोई एक अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते अनुपयोगी हो कर भार बनने लगता है और अगर वह पति हो तो उस का प्रताड़ित किया जाना शुरू हो जाता है.