बौलीवुड में 4 जून, 2024 के बाद हालात काफी बदल गए हैं. केंद्र में कमजोर सरकार के बाद से भाजपा समर्थित बौलीवुड का धड़ा लोगों के निशाने पर आ गया है. कल तक लोग 'द कश्मीर फाइल्स' फेम फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री के साए के भी साथ रहने या उन की हां में हां मिलाने में ही अपनी भलाई समझते थे. कल तक विवेक रंजन अग्निहोत्री की हां में हां न मिलाने वालों के साथ क्या होता था, इस को ले कर कई तरह की अफवाहें गरम रही हैं.
हम उन अफवाहों में नहीं पड़ना चाहते. लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि कई लोगों ने खुल कर विवेक रंजन अग्निहोत्री को जवाब देना शुरू कर दिया है कि वे उन के साथ काम नहीं करेंगे. हालात ऐसे हो गए हैं कि विवेक रंजन अग्निहोत्री की नई फिल्म में अभिनय करने के लिए कलाकार नहीं मिल रहे.
मजबूरन विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी इज्जत बचाने के लिए ट्वीट कर दिया कि उन्होंने एक कलाकार को उस के बिजनैस मैनेजर से तंग आ कर अपनी फिल्म से निकाल दिया. हकीकत में उस कलाकार ने ही उन के साथ काम करने से इनकार कर दिया.
विवेक अग्निहोत्री पर आरोप
फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री की कंपनी में स्क्रिप्ट सुपरवाइजर के रूप में काम करने वाले आशीष दुबे ने विवेक रंजन अग्निहोत्री पर आरोप लगाया है कि विवेक ने उन का मेहनताना नहीं दिया.
मशहूर अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उन की पत्नी के बीच झगड़े की कहानियां सुनतेसुनते हम सभी थक चुके हैं। पर अब जब नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उन की पत्नी के बीच सुलहनामा हो चुका है तो अब नए सिरे से नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी विवादों में आ गई हैं. नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक शख्स से फिल्म बनाने के लिए 2019 में तकरीबन 41 लाख रुपए लिए थे पर अब तक न उन्होंने फिल्म बनाई और न ही वे पैसे वापस देने को तैयार हैं.
धोखाधड़ी का केस
Bu hikaye Sarita dergisinin November First 2024 sayısından alınmıştır.
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अच्छा लगता है सिंगल रहना
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मां के पल्लू से निकलें
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पोटैशियम और मैग्नीशियम शरीर के लिए कितने जरूरी
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क्या शादी छिपाई जा सकती है
शादी का छिपाना अब पहले जैसा आसान नहीं रहा क्योंकि अब इस पर कानूनी एतराज जताए जाने लगे हैं. हालांकि कई बार पहली या दूसरी शादी की बात छिपाना मजबूरी भी हो जाती है. इस की एक अहम वजह तलाक के मुकदमों में होने वाली देरी भी है जिस के चलते पतिपत्नी जवान से अधेड़ और अधेड़ से बूढ़े तक हो जाते हैं लेकिन उन्हें तलाक की डिक्री नहीं मिलती.
साइकोएक्टिव ड्रग्स जैसा धार्मिक अंधविश्वास
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23 नवंबर के चुनावी नतीजे भाजपा को जीत पर आधी
जून से नवंबर सिर्फ 5 माह में महाराष्ट्र व झारखंड की विधानसभाओं और दूसरे उपचुनावों में चुनावी समीकरण कैसे बदल गया, लोकसभा चुनावों में मुंह लटकाने वाली पार्टी के चेहरे पर मुसकान आ गई लेकिन कुछ काटे चुभे भी.
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आज भी कानून द्वारा थोपी जा रही पौराणिक पाबंदियों और नियमकानूनों के चलते युवतियों का जीवन दूभर है. मुश्किल तब ज्यादा खड़ी हो जाती है जब कानून बना वाले और लागू कराने वाले असल नेता व जज उन्हें राहत देने की जगह धर्म का पाठ पढ़ाते दिखाई देते हैं.
"पुरुष सत्तात्मक सोच बदलने पर ही बड़ा बदलाव आएगा” बिनायफर कोहली
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