![ओवरऐक्टिव ब्लैडर और मेनोपौज ओवरऐक्टिव ब्लैडर और मेनोपौज](https://cdn.magzter.com/1338812051/1732102139/articles/FoDUwqY_X1732618888092/1732619664685.jpg)
ओवरऐक्टिव ब्लैडर यानी ओएबी एक क्रोनिक समस्या है। इस के चलते बार-बार पेशाब करना पड़ता है। इसे थोड़ी देर भी रोक पाना बहुत ही मुश्किल होता है। अक्सर वाशरूम जाने के रास्ते में ही यूरिन लीक हो जाता है। यह समस्या पुरुष और महिला दोनों को हो सकती है। महिलाओं में मेनोपॉज और ओएबी का परस्पर कुछ संबंध भी है। महिलाओं के अंतिम मेन्सुरल साइकिल को मेनोपॉज कहते हैं। किसी महिला को लगातार 12 महीनों तक पीरियड न हुआ हो तो डॉक्टर इसे निश्चित तौर पर मेनोपॉज कहते हैं। इस बीच के समय को पेरीमेनोपॉज कहते हैं। मेनोपॉज का मतलब आप के 'मासिक पीरियड' का अंत। पेरीमेनोपॉज और मेनोपॉज के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं।
मेनोपॉज के सिम्प्टम्स
• पीरियड में बदलाव जो आप के सामान्य पीरियड से भिन्न हो।
• हॉट फ्लैशेज यानी शरीर के ऊपरी भाग में अचानक गर्मी महसूस होना।
• नींद में समस्या।
• मूड चेंज।
• सेक्स के प्रति रुचि में बदलाव।
• योनि में बदलाव।
• ब्लैडर कंट्रोल में बदलाव, यह बदलाव ओएबी (ओवरऐक्टिव ब्लैडर का संकेत हो सकता है।)
ओएबी के सिम्प्टम्स
बार-बार यूरिन करना, अचानक यूरिन करने की इच्छा, ब्लैडर कंट्रोल में कठिनाई और वाशरूम तक जाते समय कुछ मात्रा में यूरिन का लीक होना, रात में दो या दो से ज्यादा बार यूरिन करना.
ओएबी से होने वाली परेशानियां
ओएबी के चलते क्वालिटी औफ लाइफ सैक्स एक्टिविटी, दैनिक कार्यप्रणाली और प्रोडक्टिविटी, सामाजिक जीवन, थकावट, डिप्रैशन, डिहाइड्रेशन, इन्फैक्शन और दुर्घटना यानी वाशरूम जाने की जल्दबाजी में गिरने की समस्या हो सकती है.
मेनोपौज और ब्लैडर कंट्रोल एस्ट्रोजन का रिश्ता
Bu hikaye Sarita dergisinin November Second 2024 sayısından alınmıştır.
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![मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/LowUfbRDd1739346630309/1739346915320.jpg)
मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान
हम बचपन में बोलना तो सीख लेते हैं मगर क्या बोलना है और कितना बोलना है, यह सीखने के लिए पूरी उम्र भी कम पड़ जाती है. मौन रहना आज के दौर में ध्यान केंद्रित करने की तरह ही है.
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सरकार थोप रही मोबाइल
सरकार द्वारा कई स्कीमों को चलाया जा रहा है. बिना एडवांस मोबाइल फोन और इंटरनैट सेवा की इन स्कीमों का फायदा उठाना असंभव है. ऐसा अनावश्यक जोर क्या सही है?
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सास बदली लेकिन नजरिया नहीं
सास और और बहू को एकदूसरे की भूमिका को स्वीकार करना चाहिए. सास पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए बहू को सिखा सकती है और बहू नई सोच व नए दृष्टिकोण से घर को बेहतर बना सकती है.
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अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही अमेरिका में एक नए दौर की शुरुआत हो चुकी है जिसे ले कर हर कोई आशंकित है कि अब लोकतंत्र को हाशिए पर रख धार्मिक एजेंडे पर अमल होगा.
![किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/9JDheV0BY1739279671565/1739280166756.jpg)
किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक
यह वह दौर हैं जब पेरैंट्स की सेवा न करने वाली संतानों की अदालतें तक खिंचाई कर रही हैं लेकिन मांबाप की दिल से सेवा करने वाली संतान के लिए जायदाद में ज्यादा हिस्सा देने पर वे भी अचकचा जाती हैं क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. क्या यह ज्यादती नहीं?
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युवाओं के सपनों के घर पर डाका
नौकरीपेशा होम लोन ले कर अपने सपनों का आशियाना खरीद लेते हैं. लेकिन यहां समस्या तब आती है जब किसी यूइत में वे लोन नहीं चुका पाते. ऐसे में कई बार उन्हें अपने घर से हाथ धोना पड़ता है.
![मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/kAkDNoyBV1739280807508/1739281176766.jpg)
मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी
बूफे पार्टी में मेहमान भोजन और अच्छे समय का आनंद लेने के साथसाथ सोशल गैदरिंग के चलन को भी जीवित रखते हैं. यह अवसर न केवल खानपान के लिए होता है बल्कि यह लोगों के बीच बातचीत, हंसीमजाक और आपसी विचारों के आदानप्रदान का एक साधन भी है.
![अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/RkxmXuMNk1739280478617/1739280798357.jpg)
अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त
एक तरह के हादसे पर कानून दो तरह से कैसे काम कर सकता है? क्या यह न्याय और संविधान दोनों का अपमान नहीं ?
![ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/jsAA7PQtH1737712505485/1737712993859.jpg)
ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों
कुछ लोगों में अपने रुतबे को ले कर अहंकार होता है. उन्हें लगता है कि उन का ओहदा, उन का पद बैस्ट है. वे सुपीरियर हैं. यह सोच अहंकार और ईगो लाती है जो इंसान के व्यवहार में अड़चन डालती है.
![बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/igzsVRgNl1737713300356/1737713410810.jpg)
बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र
देश नारा प्रधान है. काम भले कुछ न हो रहा हो पर पार्टियां और सरकारों द्वारा उछाले नारों की खुमारी जनता पर खूब छाई रहती है.